जन्मकुंडली में होता है हार्ट अटैक का योग! सूर्य और चंद्रमा दिल के साथ कर देते हैं खेल, जानें ज्योतिष के 4 उपाय
Heart Attack Yoga in Kundali: आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में खुद को स्वस्थ रख पाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. काम के दबाव ने लोगों के खाने-पीने, सोने-जागने और उठने-बैठने तक को प्रभावित कर रखा है. इससे इंसान तमाम जानलेवा बीमारियों की जद में आ रहा है. हार्ट अटैक की बीमारी इनमें से एक है. इन दिनों हार्ट अटैक एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है. दुनियाभर में इससे जान गवांने वालों की फेहरिस्त लंबी है. डॉक्टर्स दिल की बीमारियों को अधिक तनाव की वजह बताते हैं.ज्योतिष शास्त्र में हृदय रोग के लिए मुख्य रूप से सूर्य और चंद्र को कारक माना है. कुछ लोगों की कुंडली में कुछ ऐसे योग बनते हैं, जिसकी वजह से उन्हें हृदयरोग हो सकता है.आइए ज्योतिष के अनुसार जानते हैं कि किन कारणों से हृदय रोग की समस्या होती है और इनके क्या ज्योतिषीय उपाय हैं.
ज्योतिष में हार्ट अटैक के कारण
सूर्य : ज्योतिष के अनुसार, सूर्य पिता और आत्मा का कारक ग्रह होता है. इसकी शुभ-अशुभ स्थितियों के आधार पर हृदय रोग के बारे में भी जानकारी की जा सकती है. बता दें कि सूर्य यदि कुम्भ राशिगत हो, यदि शत्रु राशि में हो, चतुर्थ भाव में हो अथवा पाप पीड़ित हो तो धमनी में अवरोध पैदा करता है.
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चंद्रमा- चंद्रमा मन और मस्तिष्क का कारक होता है, इसलिए खराब चंद्रमा को भी हृदय रोग का कारक माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की जन्मकुंडली में चन्द्रमा यदि शत्रुग्रही है तो हृदयरोग उत्पन्न होने का खतरा बढ़ सकता है.
शुक्र : ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह भी दिल के रोग का संकेत देता है. ऐसे में जिन लोगों की जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह यदि मकर राशि में होता है तो ऐसे जातकों में हृदय रोग होने का खतरा बढ़ सकता है.
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सूर्य राहु अथवा शनि के साथ : जिन लोगों की कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य का राहु-शनि से योग भी हार्ट अटैक देता है.
ज्योतिषशास्त्र में यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह यदि चतुर्थ भाव हो या पाप ग्रहों से पीड़ित हों तो हृदय रोग हो सकता है. ऐसे लोगों को कई और भी दिक्कतें हो सकती हैं.
ऐसे बहुत से योग हर कुंडली के लिए अलग-अलग हैं परंतु मुख्यत: दिल की बीमारी सूर्य-शनि और दिल का दौरा शनि-मंगल, राहु देते हैं. इनसे समय रहते छुटकारा पाना बेहद जरूरी है.
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
1- यदि कुंडली में सूर्य पीड़ित है तो पितृ दोष की शांति एवं सूर्य को मजबूत करने के उपाय करें.
2- महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें.
3- चंद्रमा के बीज मंत्र ऊँ सोम सोमाय नमः का जाप करें.
4- गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें, इससे हृदय संबंधित रोगों में कमी आएगी.
Tags: Astrology, Health, Heart attack, Religion
FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 09:31 IST