जब पिता थे तो पैसे नहीं और जब पैसे आए तो पिता नहीं थे…इस वजह से रोने के लिए ग्लिसरीन का इस्तेमाल नहीं करता ये एक्टर
नई दिल्ली:
नाना पाटेकर एक ऐसे एक्टर हैं, जो अपने किसी भी रोल से दर्शकों को अट्रैक्ट करने में कामयाब रहते हैं. नाना पाटेकर ने अपने करियर में कई फिल्में दी हैं, जो आज भी उनके शानदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं. फिलहाल नाना पाटेकर फिल्म ‘गदर 2’ के डायरेक्टर अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘वनवास’ से चर्चा में हैं. इस फिल्म की स्टोरी भी बेहद मार्मिक और रुला देने वाली है. फिल्म में नाना पाटेकर का जो रोल है, वो देश और दुनिया को बड़ा संदेश देने वाला है और कदम-कदम पर रुलाने वाला है. वहीं, एक इंटरव्यू में नाना पाटेकर ने ऐसा खुलासा किया है कि जिसे जानकर किसी की भी आंख में आंसू आ जाएंगे.
रोने के लिए ग्लिसरीन नहीं लगाते नाना
दरअसल, फिल्म वनवास की शूटिंग के प्रमोशन के दौरान जब उनसे इंटरव्यू में पूछा गया कि जब वह शूटिंग कर रहे थे, तो क्या वह किसी सीन पर अपने पुराने समय में पहुंच पाए थे ? तो इस पर नाना ने रुला देने वाला किस्सा शेयर किया है. नाना ने कहा, ‘पिताजी जब बीमार थे तो उनका इलाज कराने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे, अस्पताल में उनका इंतकाल हो गया, हम रातभर फुटपाथ पर बैठे रहते थे, क्योंकि वार्ड में जाना अलाउड नहीं था, और यह भी नहीं मालूम का था कि कौन आएगा और यह कहेगा कि आपके पिताजी नहीं रहे, अगर पैसे होते तो उनका इलाज अच्छे अस्पताल में कराता, लेकिन वो कर नहीं पाया और वो झिझक आज भी मन में रहती है, वो याद आने के बाद आंखें भर जाती है और रोने के लिए ग्लिसरीन की जरूरत नहीं पड़ती है’.
नाना पाटेकर को रोने के लिए क्यों नहीं पड़ती ग्लिसरीन की जरूरत…@Narinder75 | #NanaPatekar pic.twitter.com/VGB2qmJcGs
— NDTV India (@ndtvindia) December 23, 2024
वनवास की कहानी
बता दें, नाना पाटेकर, उत्कर्ष शर्मा, सिमरत कौर और राजपाल यादव स्टारर फिल्म वनवास बीती 20 दिसंबर को रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी बच्चे के बूढ़े पिता को अकेले छोड़ देने पर बेस्ड है. फिल्म में नाना ने उस बूढ़े पिता का रोल प्ले किया है, जिसको उसके बच्चे एक धार्मिक ट्रिप पर छोड़कर भाग जाते हैं. सैकनिल्क की मानें तो फिल्म ने अपने पहले वीकेंड भारत में 2.95 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है.