जहां मसले होते बड़े, वहां मोदी के ‘सुपर स्पाई’ होते हैं खड़े, पहले पुतिन और अब मैक्रों से क्यों मिले डोभाल?


नई दिल्ली: जब भी कहीं मामला फंसता या बड़ा होता है, भारत के एनएसए अजीत डोभाल सुलझाने के लिए खड़े रहते हैं. चाहे रूस-यूक्रेन जंग हो या फिर कोई डील, पीएम मोदी के संकटमोचक अजीत डोभाल हर जगह दिख जाते हैं. रूस जाकर पुतिन से मुलाकात करने वाले अजीत डोभाल अब फ्रांस गए. उन्होंने फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और कई अहम डील पर चर्चा की. अजीत डोभाल ने रूस-यूक्रेन जंग पर फ्रांस को पीएम मोदी का संदेश भी सुनाया है. साथ ही भारत कैसे रूस-यूक्रेन जंग खत्म कर सकता है, अजीत डोभाल ने मैक्रों को पूरा प्लान बताया.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पीएम मोदी की क्या-क्या बातचीत हुई, इससे एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अवगत कराया. अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति को बताया कि पीएम मोदी ने दोनों देशों से युद्ध खत्म करने और बातचीत के जरिए शांति की राह तलाशने की बात कही थी. अजीत डोभाल ने मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बॉन और फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोरनू और विदेश मंत्री जीन नोएल बारोट से भी मुलाकात की और भारत की मंशा जाहिर कर दी.

मैक्रों और डोभाल में क्या बातचीत हुई?
बताया गया कि अजीत डोभाल पीएम मोदी का संदेश लेकर ही फ्रांस गए थे. डोभाल की फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ सफल बैठक हुई. इस बैठक में दोनों ने यूक्रेन युद्ध और गाजा में हमास के खिलाफ और लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायली युद्ध पर भी चर्चा हुई. साथ ही भारत और फ्रांस के संबंधों को और बेहतर बनाने के उपायों पर भी चर्चा हुई. पीएम मोदी का शांति वाला संदेश सुन अब फ्रांस को भी लगता है कि भारत ही रूस-यूक्रेन जंग में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. फ्रांस को यह यकीन इसलिए है, क्योंकि पीएम मोदी ही दुनिया के इकलौते पीएम हैं, जो 40 दिनों के भीतर यूक्रेन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की थी और युद्ध खत्म करने को कहा था.

डोभाल का फ्रांस जाना क्यों अहम?
अब समझते हैं कि डोभाल का फ्रांस जाना क्यों अहम है. इसकी वजह है भारत और फ्रांस के बीच होने वाली राफेल मरीन जेट डील. मौजूदा वक्त में भारत इंडियन नेवी के लिए 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए फ्रांस सरकार के साथ बातचीत कर रहा है. अगल डील पक्की हो जाती है तो बहुत जल्द भारत को राफेल एम फाइटर जेट मिल जाएगा. राफेल जहां भारतीय वायुसेना की ताकत में चार चांद लगा रहा है. वहीं, राफेल एम जेट इंडियन नेवी की ताकत को और बूस्ट करेगा. भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन जेट यानी समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए डील हो रही है. यह डील करीब 50 हजार करोड़ रुपए की होगी. मैक्रों के साथ बातचीत में राफेल एम फाइटर जेट को लेकर भी डोभाल ने मुद्दा उठाया है.

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