ट्रेन में चोरी हुई मोबाइल, अब युवक के साथ ऐसा साइबर फ्रॉड हो रहा जो कोई सोच नहीं सकता, केस जानकर पुलिस के भी उड़े होश


हाइलाइट्स

बैंक खाते से लाखों रुपए के लेनदेन देख युवक के उड़े होश. साइबर अपराधियों ने युवक का आधार भी कर दिया है लॉक. चोरी गए मोबाइल नंबर की नई सिम लेना भी हुआ मुश्किल. युवक कमलेश की बीते अगस्त में मोबाइल ट्रेन में हुई थी चोरी.

जमुई. बिहार के जमुई में साइबर क्राइम का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक युवक की मोबाइल चोरी कर उसके बैंक खाता से लाखों रुपए की लेनदेन की जा रही है. युवक हैरान है कि चोरी गए मोबाइल में लगे नंबर को बंद करवाने के बाद भी साइबर अपराधी उसे नंबर को चालू कर उपयोग कर रहे हैं. यहां तक कि साइबर अपराधी पीड़ित युवक का आधार भी लॉक कर रखा है, जिसे अनलॉक करने के लिए उसे मोबाइल नंबर की जरूरत है. जब चोरी गए नंबर का नया सिम यह युवक लेने जाता है तो इसके आधार का बायोमेट्रिक काम नहीं करता. युवक परेशान है कि साइबर अपराधी कहीं अवैध रकम उसके बैंक खाते में जमा और निकाल तो नही रहे हैं, जिससे उसकी मुसीबत बढ़ न जाए. बता दें कि युवक का 3 महीने पहले जो मोबाइल चोरी हुआ था, लेकिन इतने दिनों में साइबर अपराधियों ने चोरी हुई मोबाइल के जरिए उसके खाते से 3 लाख 43 हजार 803 रुपया का लेन देन कर मुश्किल बढ़ा दी है, जबकि उसके खाते में मात्र कुछ ही रुपये थे.

जानकारी के अनुसार, पीड़ित कमलेश पश्चिम बंगाल के वर्धमान में ड्राइवर का काम करता है. बताया जा रहा है कि बीते 5 अगस्त को वह मिथिला एक्सप्रेस में सवार होकर झाझा आ रहा था. झाझा स्टेशन पर जैसे ही ट्रेन पहुंची दो-तीन की संख्या में आए अज्ञात युवक उसका मोबाइल छीनकर भाग निकले. इसकी शिकायत उसने रेल पुलिस को भी की थी. कमलेश ने उसके बाद अपना मोबाइल नंबर बंद करवा दिया था, लेकिन उसका मोबाइल चालू है. युवक के अनुसार, जब वह उस नम्बर का नया सिम लेने गया तो पता चला कि उसका आधार लॉक है और वह अपने ही आधार का उपयोग नहीं कर सकता क्योंकि अनलॉक करने के लिए आधार से जो मोबाइल नम्बर लिंक है उसका नया सिम उसे नहीं मिल रहा.

पीड़ित युवक के अनुसार, विगत 6 अगस्त को पहली बार 1 रुपये निकाले गये, जिसकी जानकारी उसे ईमेल के जरिये मिली. इसके बाद अलग-अलग तारीखों पर साइबर अपरधियों ने मोटी राशि की लेन देन कर डाली. चार सितंबर तक उसके बैंक खाते से कुल 3 लाख 43 हजार 803 रुपया निकाले गए हैं, जबकि उसके खाते में मात्र कुछ रुपये ही थे. पीड़ित युवक के अनुसार, उसका खाता एसबीआई के झाझा शाखा में है. खाते के साथ आधार कार्ड और ईमेल के अलावा मोबाइल नम्बर भी जुड़ा है.

युवक के अनुसार, उसने चोरी गए मोबाइल में लगे सिम को बंद करवा दिया था, फिर भी साइबर अपराधी उस लेन देन जारी रखे हए हैं. अब युवक परेशान है कि साइबर अपराधी आराम से उसके बैंक खाते का दुरुपयोग कर रहे हैं. पीड़ित युवक कमलेश कुमार का कहना है कि वह ड्राइवर का काम करता है, उसके बैंक के खाते में रुपए नहीं थे. मोबाइल चोरी की घटना के बाद उसके बैंक खाते से लेनदेन हो रही है. उसका आधार भी लॉक कर दिया गया है, जिस कारण नया सिम नहीं ले सकता, जो मोबाइल नंबर बंद करवाया हूं वह साइबर अपराधी चालू करवा दिए हैं.

परेशानी में पड़े युवक ने इस मामले में झाझा थाना पहुंचकर पुलिस से संपर्क किया है. झाझा थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने पीड़ित युवक कमलेश कुमार को साइबर थाना जाकर केस दर्ज करने की सलाह दी. शुक्रवार को जमुई साइबर थाना पहुंचकर पीड़ित युवक ने आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है, इसके बाद साइबर थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. लेकिन, कमलेश का केस यूनिक है और साइबर अपराध का एक नया तरीका भी. ऐसे अपराध से बचना आम लोगों के लिए चुनौती तो है ही साथ ही पुलिस के सामने बड़ा चैलेंज सामने आ गया है.



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