डरी सहमी शेख हसीना ने बताई 5 अगस्त की सच्चाई, बोलीं- मैं और मेरी बहन मार दिए जाते, फिर कैसे बची जान?
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India Bangladesh Tension News: शेख हसीना का तख्तापलट पिछले साल पांच अगस्त को हुआ था. तब वो भागकर भारत आ गई थी. इसके बाद से ही हसीना भारत में शरण लेकर रुकी हुई हैं. मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद से ही भारत…और पढ़ें
नई दिल्ली. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना पिछले साल अगस्त में अपनी जान बचाकर भागते हुए भारत आ गई थी. इसके बाद मोहम्मद यूनुस देश के अंतरिम पीएम बने. करीब पांच महीने के बाद हसीना का एक ऑडिया सामने आया है. उनकी पार्टी आवामी लीग की तरफ से जारी किए गए इस ऑडियो संदेश में ने कहा कि रेहाना (बहन) और मैं सिर्फ़ 20-25 मिनट के अंतर से मौत से बच गए.” आवामी लीग ने अपने फेसबुक पेज पर इस ऑडियो को जारी किया.
शेख हसीना सरकार के खिलाफ पिछले साल छात्रों ने जमकर आंदोलन किए थे, जिनमें 600 लोगों की जान चली गई थी. शेख हसीना ने हत्या की साजिश का आरोप लगाया. साथ ही माना कि अल्लाह के रहमोकरम से वो जिंद बच गई. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह अल्लाह की इच्छा है कि मैं बच गई. पहले 21 अगस्त को ग्रेनेड हमला,फिर कोटालीपारा बम धमाके की साजिश और अब यह हालिया हमला. मैं और रेहाना गच गए. अन्यथा हम ज़िंदा नहीं होते.”
तीसरी बार हुआ हमला
यह पहली बार नहीं है कि जब शेख हसीना के खिलाफ हत्या की साजिश रची गई है. इससे पहले 21 अगस्त, 2004 को ढाका में एक रैली के दौरान हसीना को ग्रेनेड हमले से निशाना बनाया गया था. इन हमलों में 24 लोग मारे गए थे जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए. हसीना मामूली चोटों के बाद बाल-बाल बच गईं थी. इसी तर्ज पर साल 2000 में बांग्लादेश के कोटालीपारा में एक 76 KG का बम बरामद किया गया था. उस वक्त हसीना एक रैली को संबोधित कर रही थी.
हसीना का पासपार्ट हो चुका रद्द
शेख हसीना पर इस वक्त बांग्लादेश में 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने 15 साल के शासन के दौरान कथित रूप से 500 लोगों के गायब होने के मामले में हसीना के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. हसीना का पासपोर्ट मौजूदा मोहम्मद यूनुस प्रशासन पहले ही रद्द कर चुका है. बांग्लादेश भारत से भी हसीना को वापस लौटाने की मांग कर चुका है.
January 18, 2025, 12:07 IST