डेब्यू टेस्ट में जड़ा शतक, कप्तानी में तोड़ा था ऑस्ट्रेलिया का विनिंग स्ट्रीक; बाद में बने BCCI चीफ


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Sourav Ganguly Birthday: सौरव गांगुली एक ऐसा नाम, जिसने भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा दोनों ही बदल दीं। उन्होंने कप्तानी भी ऐसी की, जिसे दुनिया देखती रह गई। आज 9 जुलाई को सौरव गांगुली अपना जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने नई ऊचाईयों को छुआ। उन्होंने अपनी कप्तानी में ऐसी इबारत लिखी, जिसकी मिशालें आज भी दी जाती हैं। उन्होंने ही ऑस्ट्रेलिया का विनिंग स्ट्रीक तोड़ा था। उनके फैंस प्यार से उन्हें दादा बुलाते हैं और उन्हें ऑफ साइड का भगवान भी कहा जाता है। साल 2019 में गांगुली बीसीसीआई के प्रेसीडेंट बने थे। 

पहले टेस्ट मैच में ही जड़ा था शतक

सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने ईस्ट जोन और बंगाल के लिए खेला। फिर उन्होंने साल 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था और अपने पहले ही टेस्ट मैच में उन्होंने शानदार 131 रनों की पारी खेली थी। अपने पहले मैच में ही उन्होंने दुनिया को दिखा दिया था कि उनके अंदर कितनी काबिलियत है। इसके बाद अगले ही साल उन्हें वनडे क्रिकेट में टॉप ऑर्डर में प्रमोट किया। जहां उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ क्रिकेट की दुनिया की सबसे खतरनाक जोड़ियों में एक ओपनिंग जोड़ी बनाई। 

मुश्किल दौर में बने थे टीम इंडिया के कप्तान

जब साल 2000 में गांगुली कप्तान बने तो भारतीय क्रिकेट टीम बहुत ही मुश्किल भरे दौर से गुजर रही थी। भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग के चलते बैन कर दिया गया था। इसके बाद गांगुली टीम इंडिया में वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, हरभजन सिंह जैसे युवा प्लेयर्स को लेकर आए। उन्होंने टीम को नए सिरे से गढ़ा और विदेशों में जीतना सिखाया। गांगुली की कप्तानी में कई युवा प्लेयर्स निखरे, जो आगे टीम इंडिया के सरताज बने। महेंद्र सिंह धोनी ने भी सौरव गांगुली की कप्तानी में अपना डेब्यू किया था। 

गांगुली की कप्तानी में भारत ने जीता था चैंपियंस ट्रॉफी 2002 का खिताब

गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी 2002 का खिताब जीता था। तब भारतीय टीम श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता बनी थी। वहीं टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में पहुंची थी। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वनडे वनडे वर्ल्ड कप 2003 के फाइनल में जगह बनाई थी, जहां टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। 

मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम को दी पटखनी

ऑस्ट्रेलियाई टीम साल 2001 में भारतीय दौरो पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने आई थी। उस ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान स्टीव वॉ थे और टीम में एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन और रिकी पोंटिंग और शेन वॉर्न जैसे प्लेयर्स थे। वो ऑस्ट्रेलियाई टीम सबसे मजबूत मानी जा रही थी। ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलिया आसानी से टेस्ट सीरीज अपने नाम कर लेगी। ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट मैच 10 विकेट से जीता था। इससे सभी का दावा और पुख्ता हो गया। लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने फॉलोऑन खेलने के बाद भी 171 रनों से जीत दर्ज की थी और ऑस्ट्रेलियाई टीम का 16 टेस्ट मैचों से चला रहा अजेय अभियान रोक दिया था। भारत ने तीसरे टेस्ट मैच में 2 विकेट से जीत हासिल कर ली थी। इस तरह से टीम इंडिया ने पहला टेस्ट मैच हारने के बाद सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली थी। 

सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से उन्होंने 7212 रन बनाए और 16 शतक जड़े। उन्होंने 311 वनडे मैचों में 11363 रन बनाए, जिसमें 22 शतक शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 72 अर्धशतक भी लगाए। गांगुली भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक हैं। 

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