डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में कई देशों से आए हैं लोग, लेकिन उनका खर्चा कौन उठाता है?
<p>डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. भारतीय समय अनुसार वे आज रात राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. भारतीय समय अनुसार 20 जनवरी को उनके शपथ ग्रहण समारोह से पहले औपचारिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन सवाल ये है कि ट्रंप के कार्यक्रम में आने वाले दुनियाभर के मेहमानों का खर्च कौन उठाता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.</p>
<h2>ट्रंप आज लेंगे शपथ</h2>
<p>राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय समय के अनुसार आज रात शपथ लेंगे. इस क्रम में ट्रंप ने अर्लिंग्टन नेशनल सेमेट्री जाकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले अज्ञात अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है. इसके अलावा वो वॉशिंगटन में मागा रैली को संबोधित किया है.</p>
<h2>शपथ में पहुंचे ये मेहमान</h2>
<p>भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वहीं अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, भारत की ओर से रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी मेहमान हैं. वहीं एलन मस्क, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ, अमेज़ॅन के कार्यकारी अध्यक्ष जेफ बेजोस और मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी इस समारोह में शामिल हैं. इसके अलावा भी दुनियाभर के कई नेता इस कार्यक्रम में मौजूद हैं, अब सवाल ये है कि इन सभी मेहमानों का खर्च कौन उठाता है. </p>
<h2>कौन उठाता है मेहमानों का खर्च?</h2>
<p>ट्रंप के शपथ ग्रहण के लिए अमेरिका के वाशिंगटन में कई देशों के बड़े नेता और बिजनसमैन पहुंच रहे हैं. लेकिन क्या आपके दिमाग में भी ये सवाल आ रहा है कि आखिर इन नेताओं का खर्च कौन उठाएगा? तो आज हम आपको इसका जवाब देंगे. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से जिन भी लोगों को न्योता दिया गया है, वो अपनी सुविधा अनुसार ही अमेरिका पहुंचते हैं. लेकिन उसके बाद उन्हें सुरक्षा देने से लेकर खाने-पीने तक की सारी व्यवस्था अमेरिकी सरकार की होती है. अमेरिका नहीं भारत में भी जब आमंत्रण पर कोई विदेशी मेहमान आते हैं, तो उसका सारा खर्च सरकार वहन करती है. </p>
<h2>अमेरिकी सरकार उठाएगी खर्च ?</h2>
<p>बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले पहुंचे सभी मेहमानों की सुरक्षा से लेकर रहने-खाने का खर्च अमेरिकी सरकार उठाएगी. ये सभी देशों का एक प्रोटोकॉल होता है कि दूसरे देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री समेत अन्य राजनयिकों के सरकारी दौरे या आमंत्रण पर आने का खर्च दूसरे देश की सरकार ही उठाती है. हां, अगर कोई नेता अपने किसी निजी कार्यक्रम में जाते हैं, तो उस दौरान खर्च उस नेता को खुद ही उठाना होता है. इसके अलावा सीक्रेट एजेंसी उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखती है.</p>
<p>ये भी पढ़ें:<a href="https://www.abplive.com/gk/when-there-was-no-cement-how-were-tall-buildings-built-how-were-taj-mahal-qutub-minar-and-red-fort-built-2866960">जब नहीं था सीमेंट, तब कैसे बनती थीं ऊंची-ऊंची इमारतें, ताजमहल-कुतुबमीनार और लाल किला कैसे बना?</a></p>
Source link