ड्यूटी के दौरान शहीद हुआ बक्सर का जवान, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार



3050215 HYP 0 FEATURE1686307829195 ड्यूटी के दौरान शहीद हुआ बक्सर का जवान, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

 गुलशन सिंह/ बक्सर. ड्यूटी के दौरान शहीद हुए भारतीय सेना के जवान संजय कुमार चौबे का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. जहां शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. जिले के करहंसी पंचायत के जरीगांवा गांव निवासी मैनेजर चौबे के इकलौते बेटे शहीद संजय कुमार चौबे (42 वर्ष) का अंतिम संस्कार बक्सर के चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इस दौरान नम आंखों से शहीद के पिता ने उनको मुखाग्नि दी. वहीं दानापुर कैंट से आए सेना के जवानों ने मातमी धुन के बीच घाट पर हवा में तीन राउंड गोली दाग कर शहीद को अंतिम सलामी दी. इस दौरान भारतीय सेना के अधिकारियों के अलावा पूर्व सैनिक संघ बक्सर के पदाधिकारियों के साथ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

सैनिक संघ ने शहीद के परिवार को हर संभव मदद का दिया भरोसा

सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष हरेंद्र तिवारी ने बताया कि शहीद संजय कुमार चौबे के जाने से सेना को बहुत बड़ी क्षति हुई है. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना के साथ-साथ शहीद परिवार को भी बड़ा झटका लगा है. उन्होंने बताया कि अगर भारतीय सेना का एक भी जवान शहीद होता है तो पूरी सेना प्रभावित होती है. इस दुख की घड़ी में सैनिक संघ शहीद के परिवार के साथ खड़ा है. इतना ही नहीं परिजनों को हर सम्भव मदद करने का संघ ने भरोसा दिया है. वहीं सैनिक संघ के उपाध्यक्ष विद्या सागर चौबे ने बताया कि शहीद संजय कुमार चौबे 2005 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे.

तीन मासूम बच्चे और पत्नी को छोड़ गए संजय

संजय कुमार चौबे शहीद होने से पहले 321 फिल्ड वर्क शॉप हाशीमारा पश्चिम बंगाल में पोस्टेड थे. इस बीच ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत खराब हुई और कोलकाता मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं इलाज के दौरान वे शहीद हो गए. संजय अपने माता-पिता के इकलौते संतान थे, जो देश की सेवा करते -करते शहीद हो गए. शहीद संजय अपने पीछे तीन मासूम बच्चों के साथ पत्नी को छोड़ कर इस दुनिया से चले गए. बच्चों में एक दस वर्षीय बेटी सौम्या और 8 वर्षीय बेटा अंश तथा 6 वर्षीय रौशन है. जिनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया.

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FIRST PUBLISHED : June 09, 2023, 21:17 IST



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