तनख्‍वाह थी 40 हजार, पर मिलते थे 1 लाख रुपए, बाबू ने बड़े खेल से उड़ा दिए सबके होश


अशोक सिंह
अजमेर. सरकारी हॉस्पिटल के बाबू राजतिलक गर्ग, जिसकी तनख्‍वाह करीब 40 हजार रुपए थी, उसने बड़ा खेल खेला और करीब 70 लाख रुपए का घोटाला किया है. इस बाबू ने खुद की तनख्‍वाह के फर्जी बिल बनाकर पूरा फर्जीवाड़ा किया और इसकी भनक रूटीन ऑडिट के दौरान हुई. बताया जा रहा है कि नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े राजकीय सामान्य चिकित्सालय का यह मामला है जहां आरोपी बाबू राजतिलक गर्ग ने 70 लाख में से 46 लाख रुपए लौटा दिए हैं. उससे 23 लाख रुपए की वसूली शेष है. हालांकि इस मामले में राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद के डॉ विनय कपूर ने कहा है कि उच्‍च अफसरों को रिपोर्ट भेजी जा रही है.

जानकारी के अनुसार बाबू राजतिलक गर्ग ने खुद की तनख्वाह के फर्जी बिल बनाकर लगभग 70 लाख रुपए का घोटाला कर डाला था. राजकीय सामान्य चिकित्सालय की रूटीन ऑडिट के तहत यह मामला पकड़ा गया है. आरोपी बाबू राजतिलक गर्ग अनुकंपा के तहत एलडीसी पद पर लगा था. नौकरी पर लगने के बाद राजतिलक की तनख्वाह लगभग 40 हजार रुपए थी लेकिन उसने स्वयं की तनख्वाह 1 लाख से अधिक रुपए से पे-बिल बनाना शुरू कर दिया. उसने यह गोरखधंधा बीते कई समय से चला रखा था. सन् 2017 से 2020 के ऑडिट में लिपिक राजतिलक का घपला गत ऑडिट नहीं पकड़े जाने के कारण उसके हौसले बुलंद हो गए और घोटाले की रकम बढ़कर लगभग 70 लाख रुपए तक पहुंच गई.

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अफसर पकड़ नहीं पाए जालसाजी, आरोपी ने उड़ा दिए करीब 70 लाख रुपए
तत्कालीन चिकित्सालय प्रभारी नारायण सिंह भाटी, वर्तमान चिकित्सालय प्रभारी डॉक्टर विनय कपूर ही नहीं बल्कि तत्कालीन अकाउंटेंट राजेंद्र कुमार एवं कार्यालय अधीक्षक राजेंद्र जैन और वर्तमान कार्यालय अधीक्षक मनोज बुंदेला भी जालसाज राजतिलक के घोटाले को नहीं पकड़ पाए. गौरतलब है कि पे-बिल में जालसाजी को ट्रेजरी भी नहीं पकड़ पाई और उसके अकाउंट में फर्जी पे-बिल की तनख्वाह भुगतान करते रहे. ऑडिट टीम द्वारा राजतिलक पर लगभग 69 लाख 40 हजार रुपए रिकवरी की जानकारी दी है.

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घोटाले की जांच पूरा कर देंगे रिपोर्ट, फिर होगी कार्रवाई 
मामला सामने आने के बाद बताया जा रहा है कि आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने से पूर्व राज्य कोष की राशि वसूलने का कार्य किया जा रहा है. पीएमओ डॉ. विनय कपूर ने पूरी रकम राजकोष में जमा हो जाने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार घपले के आरोपी राजतिलक के विरुद्ध अग्रिम कार्यवाही की बात कही है.  सूत्रों के अनुसार गत लगभग 15 दिनों से चल रहे ऑडिट में चिकित्सालय प्रभारी सहित अन्य किसी भी चिकित्सक व चिकित्साकर्मी पर रिकवरी नहीं निकली है. फिलहाल अभी कुछ दिन ऑडिट कार्य और चलने की संभावना है. ऑडिट टीम के मदन मीणा और और शिव शंकर ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि ऑडिट पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट चिकित्सालय प्रभारी एवं संयुक्त निदेशक को सौंप दी जाएगी.

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