तो यह था मुस्तफाबाद का पहले नाम…. सबसे ज्यादा रहते थे हिंदू, इतिहासकार ने बताई हकीकत
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Agency:NEWS18DELHI
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Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद सीट से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत हासिल की. इसके बाद विधायक ने मुस्तफाबाद का नाम बदलने का ऐलान कर दिया. ऐसे में इतिहासकार डॉक्टर विश्वजीत कुमार कहा कि …और पढ़ें
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इतिहासकार ने बताया हकीकत
हाइलाइट्स
- मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी रखने की योजना.
- इतिहासकार के अनुसार, मुस्तफाबाद पहले शिवपुरी था.
- मुस्तफाबाद का नाम हजरत मुस्तफा बाबा के नाम पर रखा गया.
नई दिल्ली: दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने जीत हासिल की है. ऐसे में नवनिर्वाचित विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने बड़ा ऐलान कर दिया है. वह मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी या शिव विहार रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ‘मैं नाम जरूर बदलूंगा. क्योंकि 1998 से 2008 तक वहां विकास के कार्यों को उन्होंने ही किया है’. इन विकास कार्यों का नाम से कोई संबंध नहीं है’.
ऐसे में आखिर क्या सच में मुस्तफाबाद का नाम शिवपुरी था. क्या वहां हिंदू रहते थे. यही जानने के लिए जब लोकल 18 की टीम ने दिल्ली के जाने-माने इतिहासकार डॉ. विश्वजीत कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि औरंगजेब के वक्त मुस्तफाबाद की उत्पत्ति के अवशेष मिलते हैं, लेकिन उससे पहले इतिहास के पन्नों को खंगाला जाए तो यहां पर जो इलाका शिवपुरी है. वहां पर हिंदू ज्यादा संख्या में थे और आज भी वहां पर इस बात के अवशेष मिलते हैं.
यहां रहती थी हिंदू आबादी
यहां एक प्राचीन शिव मंदिर भी है. जहां पर हिंदू पूजा पाठ करते थे. ऐसे में अगर इसकी और इतिहास की गहराई में जाएंगे तो यकीनन यह पूरा इलाका शिवपुरी हो सकता है. हालांकि इसका जब रिसर्च होगा तो हकीकत पूरी सामने आ जाएगी, लेकिन इतिहास के पन्नों पर एक इतिहासकार के तौर पर यह कहा जा सकता है कि पहले यह इलाका शिवपुरी था और यहां पर हिंदू आबादी ही रहती थी.
इस वजह से नाम पड़ा मुस्तफाबाद
इतिहासकार डॉक्टर विश्वजीत कुमार ने बताया कि मुस्तफाबाद में एक कब्रिस्तान है. जहां पर हजरत मुस्तफा बाबा की कब्र है. वहां पर उनके अवशेष मौजूद हैं और उनके नाम पर ही इसका नाम मुस्तफाबाद रखा गया. उन्होंने यह भी बताया कि मुस्तफाबाद में 42% मुसलमान हैं. जबकि ओबीसी 25%, 14% ब्राह्मण और लगभग 5 से 6% गुर्जर और पहाड़ी लोग हैं. जबकि 12% एससी एसटी हैं. ऐसे में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से इसका नाम मुस्तफाबाद ही रहा और इस पर कभी किसी ने बदलने के बारे में नहीं सोचा.
2002 में हुए बड़े बदलाव
इतिहासकार डॉ. विश्वजीत कुमार ने बताया कि 2002 से पहले मुस्तफाबाद एक गांव था, लेकिन जब 2002 परिसीमन आयोग का फैसला आया और 2008 में इसको विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया. उसके बाद ही मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र बन गया. उससे पहले करावल नगर और मुस्तफाबाद और शिव बिहार सब एक में ही थे. उन्होंने यह भी बताया कि निश्चित तौर पर पहले यह हिंदुओं का ही इलाका था और अब अगर इसके नाम को बदलने की डिमांड उठ रही है तो यकीनन इसके अवशेष पर भी रिसर्च होनी चाहिए.
February 14, 2025, 06:38 IST
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