थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति मुद्रास्फीति जुलाई में (-) 1.36 प्रतिशत रही
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति जून में (-)4.12 प्रतिशत के मुकाबले जुलाई में (-)1.36 प्रतिशत रही है. यह आंकड़ा सरकार की ओर से सोमवार को जारी किया गया है. इससे पहले थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति मई में घटकर शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे आ गई थी जो इसका तीन साल का निचला स्तर था. मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम घटने से थोक मुद्रास्फीति में गिरावट आई थी.
बता दें कि मई में लगातार दूसरे महीने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही थी. इसके पहले अप्रैल में यह (-) 0.92 प्रतिशत पर थी. मई, 2022 में थोक मुद्रास्फीति 16.63 प्रतिशत पर थी. बता दें कि थोक मुद्रास्फीति के नीचे आने से आगामी महीनों में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रहने की संभावना बढ़ी है.
मई, 2023 की थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा तीन साल का निचला स्तर था. इससे पहले मई, 2020 में थोक मुद्रास्फीति (-) 3.37 प्रतिशत पर थी. मई के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 25 माह के निचले स्तर 4.25 प्रतिशत पर रही थी.