दरभंगा में भूमि सर्वेक्षण: जानिए रैयतों के लिए क्या है नई प्रक्रिया और योजनाएं


दरभंगा: बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है, जिससे लोगों में विभिन्न सवाल और जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है. हालांकि, इस प्रक्रिया से रैयतों के लिए भूमि संबंधी समस्याओं का समाधान प्राप्त हो सकता है. जिला बंदोबस्त पदाधिकारी मनोज कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि हवाई सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किए गए मानचित्र अब बंदोबस्त कार्यालय को सौंपे जा चुके हैं. इन मानचित्रों के आधार पर पुरानी प्लॉटिंग की तुलना की जाती है और यदि नए प्लॉट की संख्या अधिक होती है, तो विभागीय स्तर पर नई नंबरिंग की जाती है.

एरिया मैप के आधार पर ही निर्णय
मनोज कुमार ने बताया कि अगर पुराने प्लॉट को जोड़कर नया प्लॉट बनाया गया है, तो केवल एक प्लॉट ही प्रदान किया जाएगा. वर्तमान में, रैयतों को उनके मौजूदा प्लॉट के आधार पर मान्यता दी जाएगी. उत्तर-पश्चिम भंडार कोण से इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी. त्रिशीमाना तय होने के बाद, प्लॉट एरिया के अनुसार सटीक प्लॉट मैप तैयार किया जाएगा, क्योंकि विवाद की स्थिति में एरिया मैप के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा.

रैयतों की भूमि विवादों का होगा समाधान
हवाई सर्वेक्षण का मानचित्र प्राप्त हो चुका है और गुलजारबाग से RS या CS मानचित्र भी आ रहे हैं. किश्तवाड़ प्रक्रिया की शुरुआत जल्द की जाएगी, जिसमें हवाई सर्वेक्षण एजेंसी द्वारा एटीएस मशीन का उपयोग कर परिसीमाना तय किया जाएगा. विभाग की ओर से किस्तवार प्रक्रिया की जानकारी रैयतों को पहले ही दी जाएगी, ताकि वे अपने प्लॉट पर उपस्थित रहकर सुनिश्चित कर सकें कि उनका मानचित्र सही तरीके से तैयार हो रहा है. इस प्रकार, भूमि सर्वेक्षण की इस नई प्रक्रिया से रैयतों को उनके भूमि विवादों का समाधान मिल सकेगा और उन्हें सही भूमि मानचित्र की जानकारी प्राप्त होगी.

Tags: Bihar News, Local18



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