दिल्ली चुनाव, UCC, वक्फ बोर्ड और महाकुंभ… हर मुद्दे पर सीएम योगी ने रखी बेबाक राय, पढ़ें पूरा इंटरव्यू
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प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम नगर प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की भव्य तैयारियों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने दिल्ली चुनाव में वोट बैंक की खातिर अवैध बांग्लादेशियों को राष्ट्रीय राजधानी में बसाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली ‘आप’ सरकार ने दिल्ली में विकास के लिए कुछ काम नहीं किया. सीएम योगी ने विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन की भी तीखी आलोचना की. सीएम योगी ने नेटवर्क18 के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान ये सब बातें कहीं.
योगी जी आपको न्यूज 18 को यह एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देने का बहुत-बहुत धन्यवाद. आज हम महाकुंभ के इलाक़े में हैं. चारों तरफ़ हम लोगों ने देखा कि क्या आयोजन है? भव्य अलौकिक, एकदम आलीशन. थोड़ा आपसे उसके बारे में जानना चाहेंगे कि इसको कैसे आप लोगों ने, क्या काम किया, इसपे क्या लगा… इतना बड़ा आयोजन करने में और कुंभ के लिए आपका का क्या मैसेज है दुनिया के लिए.
राहुल जी मैं सबसे पहले NEWS18 की टीम का और आपका महाकुंभ के क्षेत्र में हृदय से स्वागत करता हूं. जो कुछ भी आपको देखने को मिल रहा है. पूरे प्रयागराज क्षेत्र में और और इस महाकुंभनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का ये मूर्त रूप है. भारत की विरासत को उसका सम्मान मिलना चाहिए और एक सरकर का ये दायित्व तो होना चाहिए उस आस्था को सम्मान देने के लिए, उसी का ये प्रतिफल है कि दिव्य और भव्य कुंभ इस रूप में आयोजित हो रहा है. हजारों वर्षों की विरासत को आज की पीढ़ी जान पा रही है. और जो पीढ़ी काफी उम्र दराज हो चुकी है उस पीढ़ी को भारत की इस पुरातन गौरव को अपनी अगली पीढ़ी को देने में भी गौरव की अनुभूति होगी कि हमारी विरासत अब सुरक्षित है और इसी भव्य और दिव्य रूप में आगे बढ़ेगी. यह दृश्य सनातन धर्म का वह दिव्य और भव्य स्वरूप है जिसका आज आप यहां अवलोकन कर रहे हैं. जिसके लिए हमारा सनातन धर्म जाना जाता था. भारत की ऋषि परंपरा ने कुंभ का आयोजन इसी भव्य और दिव्य तरीके से भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के आयोजनों का शुभारंभ किया था. और ये तो प्रयागराज की धरती है, माँ गंगा यमुना और सरास्वती की इस त्रिवेणी में कोटि कोटि श्रद्धालु आकर के पूज्य संतों के सानिध्य में स्नान करके पुण्य का भागीदार बन रहा है.
मैं पहले भी कुंभ में आ चुका हूं. 2019 में आपने भव्य अर्धकुंभ का आयोजन किया था. उसमें भी आया था मगर जिस प्रकार की भीड़ मैं इस बार देख रहा हूं इस तरह की भीड़ पहले मौनी अमावास्या के स्नान में होती थी. आज तो लगभग रोज़ इस तरह की भीड़ दिख रही है.
देखिए ये जो आयोजन है, ये भारत की एकता का एक संदेश देने वाला एक समागम है और ये सही बात कही आपने कि मौनी अमावस्या जो मुख्य स्नान होता है कुंभ का, मौनी अमावस्या को इस प्रकार की भीड़ देखती थी लेकिन अब इस प्रकार की भीड़ हर दिन नजर आ रही है. यानी पिछली बार 2019 में मौनी अमावस्या के दिन 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था और इस बार मकर संक्रांति के दिन चार करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान किए थे. अब तक पिछले 10 दिन के अंदर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं और आज 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस माहाकुंभ क्षेत्र में यहां आ चुका है. सुबह से ही संगम में पवित्र स्नान में भागीदार बन रहा है और ये अनवरत सिलसिला 3 फरवरी तक चलता रहेगा. मेरा अनुमान है कि मौनी अमावस्या के दिन इस बार 19 से 3 से 5 गुणा तक भीड़ होगी.
तीन से पांच गुना और कुल कितने लोग आपको लगता है कि…
देखिए मेरा अनुमान है कि महाकुंभ क्षेत्र में 45 दिनों के इस पूरे आयोजन में दुनिया की तीसरी बड़ी आबादी के बराबर लोग यहां पर रहेंगे यानी भारत और चीन के बाद जो सबसे बड़ी आबादी होगी वो यहां अस्थाई शहर में होगी. मेरा अनुमान है 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु इस दौरान आकर के संगम में आकर के पवित्र डुबकी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का संदेश देंगे.
बहुत-बहुत आपको बधाई. आपने इतना बड़ा आयोजन किया. आपने डुबकी कहां लगाई थी उस दिन कैबिनेट के साथ.
देखिए राहुल जी. ये सामने ही… यह हम हैं. यहां यमुना जी. ये सामने गंगा जी आ रही हैं. और ये सामने दोनों का संगम हो रहा है और अदृश्य माँ सरस्वती के बारे में भी मान्यता है कि तीनों का मिलन इसी स्थल पर होता है और यहीं पर संगम में ये लाखों श्रद्धालु जो स्नान कर रहे हैं इसी संगम में स्नान करा था.
आपका एक अलग दृश्य हम लोगों को देखने के लिए मिला है. एक आपको बड़ा हंसते खेलते एक-दूसरे के ऊपर पानी डालते हुए, आप, आपकी पूरी कैबिनेट ने आपके संग डुबकी लगाई. क्या आपको बचपन का दिन याद तो नहीं आ गया?
देखिए एक अद्भुत क्षण होता है, इसको शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता है. ये अविस्मरणीय क्षण होते हैं और जिस एकता का संदेश महाकुंभ दे रहा है, उस एकता के संदेश को उत्तर प्रदेश वासियों और उत्तर प्रदेश के माध्यम से देशवासियों को देने में हम सबको गौरव की अनुभूति होती है. हम यहां पे जहां पे खड़े हैं यह सामने एक पूरा क्षेत्र संगम का क्षेत्र है और सामने एक क़िला है. क़िले में अक्षयवट भी मौजूद है. सामने दिखाई दे रहा है और अक्षयवट कॉरिडोर पहली बार बना है जहां पे प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु जाकर के दर्शन कर रहा है. इसी क़िले के अंदर माँ सरस्वती का कूप भी है. अदृश्य रूप से नहीं बल्कि दृश्य रूप से सरस्वती के दर्शन वहां हो सकते हैं और उसी में पातालपुरी कॉरिडोर भी बना हुआ है. ये तीन कॉरिडोर केवल क़िले के अंदर बने हैं. चौथा कॉरिडोर बड़े हनुमान जी मंदिर का बना है. लेटे हुए हनुमान जी हैं ये बड़े हनुमान जी के रूप में विख्यात हैं और उनके दर्शन वहां पर श्रद्धालु कर सकता है.
मेरा ये सौभाग्य है कि मैं प्रयागराज में आपका इंटरव्यू कर रहा हूं. मैं यहां पला बढ़ा हूं. पीएम मोदी आए तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना. काशी जो है एक विश्व मैप में आया. वैसे ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ, जनवरी 22 को प्राण प्रतिष्ठा हुई. आज प्रयागराज भी इस महाकुंभ को लेकर देश दुनिया में चारों तरफ इसकी बात हो रही है तो क्या आपको लगता है आने वाले समय में ये भी एक टूरिज्म, स्पिरिचुअल टूरिज्म का बड़ा सेंटर बनेगा.
देखिए भारत की इस ताकत को दुर्भाग्य से पूर्व की सरकारों ने नहीं समझा था. भारत कि इस विरासत, जो स्पिरिचुअल टूरिज्म में भारत के अंदर मौजूद था जो पोटेंसियल था, इसको देखा है प्रधानमंत्री मोदी ने और इसीलिए उनके नेतृत्व में काशी में काशी विश्वानाथ धाम, 2019 का प्रयागराज कुंभ, अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य. एक नई अयोध्या के दर्शन, अयोध्या में होते हैं. विंध्वासिनी धाम में विंध्वासिनी का भव्य और दिव्य धाम और कॉरिडोर का निर्माण. उत्तराखंड में केदारपुरी में केदारनाथ धाम, महाकाल में महालोक का धाम. ये सभी करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करके भारत की स्पिरिचुअल टूरिज्म की ताकत को दुनिया के सामने उस ताकत का एहसास करा रही है और मुझे कहने में कोई संकोच नहीं कि आज से आठ साल, 10 साल पहले तक उत्तर प्रदेश के अंदर टूरिज्म में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर था. आज उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है अपनी इसी स्पिरिचुअल ताकत के दम पर. और इससे ना केवल यहां पर लोगों को नए अवसर मिले हैं बल्कि आर्थिक उन्नयन में भी इसकी बड़ी भूमिका है. यहां की इकॉनमी को भी इसने एक नई ताकत दी है.
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