दिल्ली से बनारस तक, तबले के छह घरानों की अनोखी झलक; बच्चों ने छेड़ी ऐसी धुन कि हर कोई रह गया मंत्रमुग्ध!


Agency:News18 Madhya Pradesh

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Taal Kachahri Sagar: सागर के ऐतिहासिक तालाब के विट्ठल घाट पर ताल कचहरी दरबार में 9 से 26 साल के बच्चों और युवाओं ने तबला वादन की शानदार प्रस्तुति दी. इस आयोजन का उद्देश्य 200 साल पुरानी भारतीय संस्कृति को जीवंत…और पढ़ें

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तबला

तबला वादन 

हाइलाइट्स

  • सागर तालाब पर 200 साल पुरानी ताल कचहरी का आयोजन हुआ.
  • 9 से 26 साल के बच्चों ने शानदार तबला प्रस्तुति दी.
  • स्वच्छता का संदेश देते हुए कलाकारों को सम्मानित किया गया.

सागर. सागर के ऐतिहासिक तालाब के घाट पर ताल कचहरी का दरबार सजाया गया, जिसमें 9 साल से लेकर 26 साल तक के बच्चों और युवाओं ने शानदार प्रस्तुति से समा बांध दिया. एकल प्रस्तुति पर जो राग छेड़े उन्हें सुनकर दर्शक मंत्र मुग्ध रह गए. तबला वादन की करीब 200 साल पुरानी भारतीय संस्कृति जीवंत बनाए रखने और नई पीढ़ियों को इसे जोड़ने के लिए यह आयोजन किया गया. विट्ठल घाट पर लगे ताल दरबार में सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल हुए.

करीब 2 घंटे तक दी गई इस प्रस्तुति में तबला वादकों ने सरस्वती मैया को प्रणाम करते हुए उठान से इसकी शुरुआत की, इसके बाद जैसे-जैसे समय बड़ा तो पेशकर, कैदा, मुखड़े, टुकड़े, तिहाई चक्रधर, परन पर तान छेड़ कर दर्शकों को आनंदित कर दिया. इस प्रस्तुति में सीनियर जूनियर कलाकारों ने तबला का एकल वादन किया.

स्वच्छता का संदेश भी दिया गया 
इस कार्यक्रम को करने के पीछे दो उद्देश्य थे एक तो हमारी संस्कृति लोगों के बीच पहुंचे, और दूसरा शहर को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छता से जोड़ना. इस मौके पर शहर वासियों ने स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प भी लिया. तबला वादन करने वाले सभी कलाकारों का नगर विधायक शैलेंद्र जैन, निगम आयुक्त राजकुमार खत्री के द्वारा सर्टिफिकेट और शील्ड देकर सम्मान भी किया गया.

ऐसे आयोजन से बच्चों को मिलेगा प्रोत्साहन
आधार संगीत महाविद्यालय में तबला विख्यात डॉक्टर विभूति मलिक ने जानकारी देते हुए बताया, कि यह 200 साल पुरानी भारतीय परंपरा है. इसको जीवंत बनाए रखने के लिए और बच्चों को प्रोत्साहन करने के लिए जो मंच मिला है, उससे उनमें काफी खुशी है. इस तरह का मंच मिलने से हमारी संस्कृति और विस्तार करेगी और फलेगी-फूलेगी. उन्होंने आगे बताया कि तबला के हिंदुस्तान में 6 घराने कहे जाते हैं. जिनमें दिल्ली घराना, लखनऊ घराना, फर्रुखाबाद घराना, अजराड़ा घराना, बनारस घराना, पंजाब घराना है.

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तबले की गूंज, ताल कचहरी का दरबार; बच्चों ने छेड़ी ऐसी धुन, हर कोई हो गया लीन!



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