दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी, लेकिन बेरोजगारी ऐसी कि नहीं थम रहे खुदकुशी के मामले


टोक्यो. दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में युवा खुदकुशी कर रहे हैं. हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब खुदकुशी करने वालों के आंकड़े निकाले गए, तो उनमें ऐसे युवाओं की तादाद सबसे अधिक थी, जो बेरोजगार थे. यहां बात हो रही है कि जापान की, वह देश जिसे टेक्नोलॉजी के मामले में अव्वल माना जाता है.

जापान में युवाओं में खुदकुशी के मामलों में कोई कमी नहीं आई है. इस बीच, आत्महत्या दर से जुड़ी एक नई रिपोर्ट सामने आई है. इसमें बताया गया है कि 2023 में जापान में 513 युवाओं ने आत्महत्या की. वहीं, 2022 में आत्महत्या करने वाले प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल के छात्रों की संख्या में कोई खास अंतर नहीं है.

जापान के 2024 सुसाइट प्रीवेंशन व्हाइटपेपर के मुताबिक, जापान में आत्महत्या करने वाले प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल के छात्रों की संख्या 2023 में 513 थी, जबकि साल 2022 में 514 युवाओं ने आत्महत्या की थी. समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि हाई स्कूल के 347 छात्र, जूनियर हाई स्कूल के 153 छात्र और प्राइमरी स्‍कूल के 13 छात्रों ने आत्महत्या की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने अनुशासनहीनता के लिए अपने परिवार से मिली डाट के कारण खुदकुशी की है, जबकि जूनियर हाई और हाई स्कूल के लड़कों ने करियर को लेकर तनाव और ग्रेड के साथ कम अंक पाने जैसे मुद्दों के कारण आत्महत्या की. इन आयु वर्ग की लड़कियों ने अपने दोस्तों से तनाव के कारण आत्महत्या की.

उल्लेखनीय है कि साल 2023 में जापान में आत्महत्या करने वालों की कुल संख्या 21,837 तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 44 कम है. डेटा के अनुसार जापान में साल 2020 से अधिकांश आयु समूहों में आत्महत्या की दर में वृद्धि हुई है. सबसे अधिक आत्महत्या की दर बेरोजगारों में थी. हालांकि, काम करने वाले व्यक्तियों में भी वृद्धि देखी गई.

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