देवेंद्र फडणवीस को कुरेद कर अपने घाव का दर्द कम कर रही कांग्रेस? जिससे बच रही BJP, पूछ दिया वही सवाल


मुंबई: महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की मुनादी हो गई. हरियाणा चुनाव के रिजल्ट से भाजपा का जोश हाई है. वहीं, कांग्रेस हरियाणा की हार से सबक लेते हुए मैदान में नए सिरे से उतरने को तैयार है. सियासी शंखनाद से पहले ही महाराष्ट्र में शह-मात का खेल जारी है. एक ओर महायुती है तो दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी. महाराष्ट्र की सत्ता में अभी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुती (एनडीए) की सरकार है. हालांकि, लोकसभा चुनाव के नतीजों से महाविकास अघाड़ी भी उत्साहित है. फिलहाल, महायुती या फिर महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, अब तक डिसाइड नहीं है. हरियाणा हार से कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही. वह अब भाजपा से वह सवाल कर रही है, जिससे शायद वह बचना चाहती है. एक तरह से देखा जाए तो कांग्रेस देवेंद्र फडणवीस को कुरेद कर अपने घाव के दर्द को कम करने की कोशिश कर रही है.

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर कांग्रेस ने भाजपा से क्या सवाल किया है. महाराष्ट्र में अभी महायुती सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं. बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी भाजपा के देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं. ऐसे में सियासी गलियारों में यह सवाल है कि क्या इस बार अगर महायुती की सरकार बनती है तो सीएम कौन होगा? क्या भाजपा देवेंद्र फडणवीस के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी या एकनाथ शिंदे के चेहरे पर? ठीक यही सवाल कांग्रेस ने भी उछाल दिया है. महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही भाजपा पर सवाल दाग दिया. इमरान प्रतापगढ़ी ने पूछा, भाजपा बताए कि क्या महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के चेहरे पर ही महायुती चुनाव लड़ेगी?

दरअसल, कांग्रेस यूं ही भाजपा से यह सवाल नहीं पूछ रही है. इसके सियासी मायने भी हैं. एक तो वह देवेंद्र फडणवीस के पुराने जख्म को कुरेद कर अपने हरियाणा वाले घाव के दर्द को कम करने की कोशिश कर रही है. दूसरा अभी से ही सीएम के चेहरे पर महायुती में फूट डालने की कोशिश भी कर रही है. यह सभी जानते हैं कि महायुती में भाजपा ही सियासी तौर पर बड़ा भाई है. मगर महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी अपने पास रखने के लिए भाजपा को एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ गठबंधन की सरकार चलानी पड़ रही है. उस वक्त भी लोग आश्चर्यचकित हुए थे, जब करीब 105 विधायकों वाली भाजपा ने 40 विधायकों वाली शिवसेना के एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया था.

भाजपा के उस फैसले से देवेंद्र फडणवीस नाराज हुए थे. उन्होंने तो सरकार में रहने से इनकार कर दिया था. मगर केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें मनाकर डिप्टी सीएम बनाया. उससे पहले सियासी गलियारों में यह चर्चा थी कि अगर एकनाथ शिंदे, उद्धव गुट वाली शिवसेना से बगावत करते हैं तो महायुती की सरकार बन सकती है और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ था. भाजपा नेतृत्व ने फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए देवेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाया. इसकी वजह थी कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा मराठा वोटरों को साधना चाहती थी. उस वक्त मराठा आंदोलन की भी आग लगी थी. महाराष्ट्र में करीब 30 फीसदी मराठा वोटर हैं. साथ ही जाति को भी ध्यान में रखा गया था. ब्राह्मण देवेंद्र फडणवीस की जगह मराठा नेता एकनाथ शिंदे को सीएम बनाकर भाजपा ने मराठा आंदोलन की आग को भी कम कर दिया.

अब सियासी पंडितों का मानना है कि महायुती अभी सीएम फेस पर अपना पत्ता नहीं खोलेगी. तुर्रा यह कि एकनाथ शिंदे अभी मुख्यमंत्री हैं और सीएम फेस पर फैसला शायद चुनावी नतीजों के बाद होगा. भाजपा पहले ऐलान कर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. यही वजह है कि कांग्रेस जानबूझकर अब भाजपा को घेरने के लिए यह सवाल दाग रही है. बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग है और 23 नवंहर को नतीजे आएंगे.

Tags: BJP Congress, Devendra Fadnavis, Imran Pratapgarhi, Maharashtra election 2024, Maharashtra Elections



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