धान की फसल में करने होंगे मामूली से बदलाव, कम पानी में होगी अधिक पैदावार, बीमारियों से भी बचेगी फसल


बागपत : धान की बुवाई के समय अक्सर किसानों को पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है और धान एक ऐसी फसल है, जिसमें पानी की अधिकता के चलते निकासी अधिक होने की संभावनाएं भी बढ़ती है. ऐसे में कृषि अधिकारी ने कम पानी और रोपाई के समय थोड़े बदलाव से अधिक निकासी का तरीका बताया है. इससे किसान धान की निकासी बढ़ाते हुए अपनी आय बढ़ा सकते हैं.

कृषि रक्षा पर्यवेक्षक सत्यजीत ने जानकारी देते हुए बताया कि धान की बुवाई के समय थोड़े से बदलाव करते हुए आप अपने धान की निकासी को बढ़ा सकते हैं. सबसे पहले किसान ऐसी वैरायटी का चयन करें जिसकी निकासी अच्छी होती हो, जिसमें 1509 , पीबी 1692 का चयन कर अच्छी निकासी पा सकते हैं. धान की फसल को पानी की बेहद आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में किसान इसकी सिंचाई का जरूर ध्यान रखें. समय-समय पर सिंचाई नहीं मिलने पर धान का पौधा कमजोर हो सकता है.

इन बातों का रखें ख्‍याल
वहीं, रोपाई के समय 3 से 5 सेंटीमीटर खेत में पानी भरकर रखें और उसमें धान की रोपाई कर 15 दिन के बाद पानी कम कर दें और धान की कटाई के समय तक सिर्फ खेत में नमी बनाकर रखें. अत्यधिक पानी न दें और धान की कटाई से 10 दिन पूर्व खेत में पानी देना बंद कर दें. इससे खेत में बीमारियां कम लगेगी. फसल बढ़ोतरी में वृद्धि होगी और फसल बखूबी पककर तैयार होगी, जिससे किसान की आय बढ़ेगी.

फसल में बनी रहनी चाहिए नमी
धान में समय-समय से पानी देने पर खेत में सिर्फ नमी बनी रहती है. ऐसे में पानी भरने से होने वाली बीमारियां भी कम हो जाती हैं और फसल में कीट लगने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है. किसान भाई बहन बुवाई के समय कुछ बदलाव और कुछ सामान्य जानकारी से धान में अपनी निकासी बढ़ा सकते हैं और अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं.

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