नेपाल के रहने वाले दीपक, कभी पीएम मोदी के लिए बनाते थे खाना, अब करते हैं ये काम


रोहतक: साल 1995 की बात है, हरियाणा में चौधरी बंसीलाल की सरकार थी. भारतीय जनता पार्टी ने बतौर प्रदेश प्रभारी नरेंद्र मोदी को हरियाणा में भेजा. संगठन पर उनकी पकड़ मजबूत होती जा रही थी, उनके अनुभव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें हरियाणा की भी जिम्मेदारी सौंपी थी. पार्टी के पास अपना कार्यालय नहीं था, किराए के भवन में भारतीय जनता पार्टी की मीटिंग होती थी.

पहली बार नरेंद्र मोदी जब पार्टी कार्यालय में आए तो लोगों से मुलाकात की और वापस चले गए. दो-तीन दिन बाद वापस आए तो उनकी नजर दीपक नाम के एक 12 साल के एक बच्चे पर पड़ी जो कि संघ की शाखा में भी जाता था और भाजपा कार्यालय में रसोईए का काम भी करता था. मोदी ने उसका हाल-चाल पूछा और उसके बारे में कुछ जानकारी ली. अगले दिन रोहतक शहर में ही भाजपा की एक मीटिंग थी, मोदी ने दीपक को साथ चलने के लिए बोला और अपनी एंबेसडर गाड़ी में साथ ले गए.

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जब वहां से वापस आ रहे थे तो किला रोड पर गाड़ी रुकवा दी और दीपक को पैसे देकर कहा कि अपने लिए एक निक्कर और टी-शर्ट लेकर आओ. जब मैं लेकर आया तो कार्यालय पहुंचकर कहा कि इसे पहनकर दिखाओ ! फिर मुझे कहा कि बहुत अच्छे लग रहे हो मैं भी अपने लिए लेकर आऊंगा.
उस वक्त मैं रसोई में खिचड़ी बनाता था और उन्हें मेरी बनाई हुई खिचड़ी बहुत पसंद आई.

अगले दिन फ्रिज में बची हुई खिचड़ी को देखकर मुझसे पूछा कि इसका क्या करते हो, जब मैंने बताया कि गाय को खिला देते हैं तो बोले कि खाने को कभी फैंकना नहीं करना चाहिए. इसके बाद उन्होंने खुद आटा लगाया और उसमें प्याज व खिचड़ी को मिलाकर बहुत अच्छे परांठे बनाएं. मुझे सिखाया कि कैसे बचे हुए खाने का उपयोग कर सकते हैं.

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वे जब भी कार्यालय आते तो मुझे आवाज लगाते और मेरी बनाई हुई खिचड़ी बड़े चाव से खाते. मैं उस वक्त नौवीं क्लास में था और उन्होंने कहा कि पढ़ाई कभी मत छोड़ना और जब भी वे आते थे तो मुझे पैसे देकर जाते थे कि तुम्हारी फीस का कितना खर्चा है. उन्होंने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. वे 6 साल तक हरियाणा के प्रभारी रहे, उसके बाद वे गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए.

2002 में भी उनका फोन आया, उसके बाद 2004 और 2006 में भी फोन पर उनसे बात हुई. 2009 में वे हिसार रैली में जा रहे थे तो उनका हेलीकॉप्टर खराब हो गया.  उस वक्त उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया था, तब उनसे आमने-सामने मुलाकात हुई.  इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको स्टेज पर भी पीएम मोदी ने बुलाया.

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डॉक्यूमेंट्री तैयार कर रहे पीएमओ ऑफिस से भी एक टीम आई थी, जो उनका इंटरव्यू करके लेकर गई है. हालांकि कोविड के वक्त प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन उस वक्त लॉकडाउन लग गया, इसलिए मुलाकात नहीं हो पाई. अब इच्छा है कि एक बार मोदी जी से मुलाकात हो जाए. दीपक आचार्य का परिवार मूल रूप से नेपाल का रहने वाला है. दीपक अब भाजपा कार्यालय में बावर्ची नहीं है, बल्कि उनको पार्टी ने एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. वह प्रदेश कार्यालय में सह-प्रभारी के तौर पर कार्यरत है.

Tags: Haryana news, Rohtak News



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