पंजाब यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के CM की बड़ी बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
चंडीगढ़: पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अध्यक्षता में CM मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी को लेकर बैठक आयोजित हुई. बैठक के बाद यूनिवर्सिटी के स्वरूप में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर CM भगवंत मान ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी राज्य की विरासत है और इसमें कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भगवंत मान ने यूनिवर्सिटी से जुड़े तथ्यों को मजबूती के साथ दर्ज करते हुए कहा कि इस संस्थान के एतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रांतीय महत्व को देखते हुए इसका पंजाब के लोगों के साथ दिल और भावनात्मक रिश्ता है. उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत का प्रतीक है और यह पंजाब के नाम की समानअर्थी भी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी केवल पंजाब और उसकी राजधानी चंडीगढ़ की जरूरतों को पूरा करती है. यूनिवर्सिटी का इतिहास, कानून, विशेष, सामाजिक-सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ शिक्षक और छात्र भी मुख्य तौर से पंजाब राज्य से जुडे होने का हवाला देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब राज्य का पंजाब यूनिवर्सिटी का मौजूदा कानूनी और प्रबंधकीय दर्जा बहाल रखा जाना चाहिए.
भगवंत मान ने याद दिलाया कि वर्ष 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी को संसद द्वारा लागू किए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 की धारा 72 (1) के अधीन ‘इंटर स्टेट बाडी कारपोरेट’ घोषित किया गया था. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी अपनी शुरुआत से लेकर पंजाब में अपना कामकाज लगातार और बिना किसी बाधा के कर रही है.
भगवंत मान ने याद करवाया कि इस संस्था को लाहौर जो उस समय पंजाब की राजधानी थी से होशियारपुर तबदील कर दिया गया और उसके बाद पंजाब की मौजूदा राजधानी चंडीगढ़ में तबदील कर दिया. उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में 175 कॉलेज यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है और यह कालेज फाजिल्का, फिरोजपुर, होशियारपुर, लुधियाना, मोगा, मुक्तसर साहिब और एसबीएस नगर में स्थित है.