पढ़ाई करते हुए की चौकीदारी, एक्टिंग के शौक ने बनाया मशहूर विलेन, अब राजनीति में दमखम दिखाएंगे ‘बच्चू यादव’


नई दिल्ली: सयाजी शिंदे ने अपनी ज्यादातर फिल्मों में विलेन के रोल निभाए हैं. उन्हें आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है. दिग्गज एक्टर ने पढ़ते हुए चौकीदारी करनी शुरू कर दी थी. अब वे एक्टिंग करते हुए राजनीति में अपना परचम लहराने को तैयार हैं. वे अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी पार्टी से जुड़ गए हैं.

सयाजी शिंदने ने मराठी नाटकों के साथ-साथ मराठी, हिंदी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मलयालम, अंग्रेजी, गुजराती फिल्मों में भी काम किया है. सयाजी शिंदे का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक छोटे से गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. वे बाद में गांव छोड़कर सतारा शहर आकर रहने लगे थे. उन्होंने फिर चौकीदारी करते हुए मराठी में ग्रेजुएशन किया. सयाजी शिंदे का मासिक वेतन तब 165 रुपये था. इसी बीच, सतारा में सयाजी की मुलाकात रंगकर्मी सुनील कुलकर्णी से हुई. यहां से उनकी किस्मत ने पलटी मारी.

Sayaji Shinde, Sayaji Shinde news, Sayaji Shinde movies, Sayaji Shinde life Story, Sayaji Shinde family, Sayaji Shinde politics, Sayaji Shinde ncp, सयाजी शिंदे

सयाजी शिंदे ने राजनीति में रखा कदम.

फिल्म ‘शूल’ से किया था बॉलीवुड डेब्यू
सयाजी शिंदे ने 1978 में एक मराठी कॉन्टेस्ट के जरिये अपना परिचय दिया. यहां से उनके अभिनय करियर की शुरुआत हुई. साल 1987 में आए ‘झुलवा’ नाम के एक मराठी नाटक में उनकी परफॉर्मेंस ने दर्शकों का ध्यान खींचा. उन्होंने तब से अपने फैंस के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की. सयाजी शिंदे नियमित रूप से नाटकों में अभिनय करने लगे. वे एक्टिंग के ज्यादा मौकों के लिए मुंबई पहुंचे. उन्होंने मुंबई में कई थिएटर वर्कशॉप करते हुए अपनी एक्टिंग की पढ़ाई को पूरा किया. उन्हें थिएटर करते समय फिल्म अबोली मिली. अबोली में उनका रोल काफी हिट हुआ. उन्हें सर्वश्रेष्ठ एक्टर के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. थिएटर और मराठी फिल्में करते हुए सयाजी को पहली हिंदी फिल्म मिली. फिल्म ‘शूल’ के बाद सयाजी शिंदे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. दर्शकों ने फिल्म में उनके बच्चू यादव के किरदार को काफी पसंद किया था.

समाज की बेहतरी के लिए करते हैं काम
आज सयाजी ने मराठी, हिंदी समेत कई भाषाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है. उन्हें फिल्मों से पैसे के साथ-साथ अपार सफलता, शोहरत मिली. सयाजी शिंदे की जड़ें आज भी गांव की मिट्टी से जुड़ी हुई हैं. भले ही वे शहर में रहते हों, लेकिन गांव से दूर नहीं हुए. सयाजी महाराष्ट्र को बेहतर बनाने के लिए काम करते रहे हैं. वे शिक्षा और पर्यावरण की बेहतरी से जुड़े काम करने की कोशिश करते रहे हैं.

Tags: Bollywood actors, Bollywood news



Source link

x