पहले फुटपाथ पर सोते थे… अब सालाना लाखों में कमाई, मुर्गियां बनीं इन दिव्यांग पति-पत्नी का सहारा



3303133 HYP 0 FEATUREIMG20230804101538 पहले फुटपाथ पर सोते थे... अब सालाना लाखों में कमाई, मुर्गियां बनीं इन दिव्यांग पति-पत्नी का सहारा

जितेंद्र कुमार झा/लखीसराय: दिव्यांगता समाज में कुछ लोगों के लिए अभिशाप है तो कुछ के लिए वरदान भी है. अगर जज्बा हो तो कुछ भी कर गुजरना संभव है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है लखीसराय के एक दंपति ने. दोनों पैर से दिव्यांग हैं, लेकिन समाज के लिए ऐसी मिसाल पेश की है, जो दिव्यांगता को अभिशाप समझने वालों के लिए संदेश है.

झुलोना गांव के रहने वाले तिजौरी साव और उनकी पत्नी कुमकुम देवी को काफी तकलीफों से गुजराना पड़ा. आर्थिक स्थिति खराब तो थी ही, दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती होती थी. लेकिन, अब मुर्गी पालन कर ये पति-पत्नी न सिर्फ अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ कर चुके हैं.

इलाज में बिक गई संपत्ति
तिजौरी साव ने बताया कि वह दोनों पैर से विकलांग हैं. उनके पैर के इलाज में पिता जी के बहुत पैसे खर्च हो गए और सारी संपत्ति बिक गई. आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गई कि मजबूरन घर छोड़ना पड़ा. 22 साल पहले जब घर छोड़ा तब सोचा कि दिव्यांगता की आड़ में इधर-उधर भटकने व दूसरों से मांग कर पेट भरने की बजाय मेहनत करने की चाहिए.

फुटपाथ पर सोते थे पति-पत्नी
आगे बताया कि कुछ समय बाद फुटफाट पर दुकान लगाना शुरू किया, जो सफल रहा. इसके बाद कुमकुम कुमारी से शादी हो गई. कुमकुम ने बताया कि पति-पत्नी दोनों ने मिलकर काफी संघर्ष किया है. मकान नहीं होने के कारण 9 वर्ष तक फुटपाथ पर सोने को मजबूर रहे. धीरे-धीरे स्थिति सुधरी तो मुर्गी पालन शुरू कर दिया. यह व्यवसाय चल निकला. इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.

7 लाख सालाना मुर्गी पालन से कर रहे कमाई
तिजौरी साव ने बताया कि जब पुराने दिनों को याद करते हैं तो आंखों में आंसू आ जाता है. फुटपाथ पर दुकान करते-करते छोटे स्तर पर मुर्गी पालन शुरू किया और इसके साथ बेचने के लिए दुकान भी खोल ली. दुकान कब एक बड़ा मुर्गी फॉर्म में तब्दील हो गई, पता ही नहीं चला. तिजौरी साव पत्नी के साथ मिलकर 400 मुर्गियों का पालन कर रहे हैं. अब एक खुद की बड़ी दुकान भी है. इस मुर्गी पालन से 7 लाख सालाना कमाई हो रही है.

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