पाकिस्‍तान को 14 अगस्‍त पर बधाई देना अपराध है या नहीं…सुप्रीम कोर्ट का कश्‍मीरी प्रोफेसर के मामले पर आया फैसला


नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने की आलोचना करना या 5 अगस्त को ‘ब्लैक डे’ बताना,  कोई अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरेक नागरिक को जम्मू कश्मीर के दर्जे को बदलने की आलोचना करने का अधिकार है. ये किसी का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता है. आर्टिकल 19 के तहत देश के नागरिकों को अपना विरोध दर्ज करने का अधिकार मिला है. अगर इस तरह से सरकार के हर फैसले की आलोचना पर IPC की धारा 153-A के तहत मुकदमा दर्ज होने लगा तो फिर लोकतंत्र नहीं बचेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने आगे फैसले में कहा है कि अगर भारत का कोई  नागरिक 14 अगस्त को (पाकिस्तान की स्वतंत्रता के दिन) पाकिस्तान के नागरिकों को बधाई देता है तो इसमे कुछ बुरा नहीं है. ये सद्भावना दिखाने का एक तरीका है. ऐसी सूरत में ये नहीं कहा जा सकता कि इसके पीछे मकसद दो धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना है. किसी शख्श के धर्म के आधार पर उसपर ऐसा संदेह करना ठीक नहीं है.

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पाकिस्‍तान को 14 अगस्‍त पर बधाई देना अपराध है या नहीं...सुप्रीम कोर्ट का कश्‍मीरी प्रोफेसर के मामले पर अहम फैसला

कोर्ट ने ये टिप्पणी महाराष्ट्र के कोल्हापुर कॉलेज में कार्यरत एक कश्मीरी प्रोफेसर जावेद अहमद के खिलाफ दायर  153A के केस को खत्म करते हुए की है. प्रोफेसर ने  ‘5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के लिए ब्लैक डे बताते हुए’ और ’14 अगस्त – हैप्पी इंडिपेंडेंस डे पकिस्तान’ वाले व्हाट्सएप स्टेटस लगाए थे और उन्हें ग्रुप में शेयर किया था.

Tags: Kashmir news, Supreme Court



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