पापों का करना है प्रायश्चित…तो अपरा एकादशी पर जरूर करें ये उपाय, पितरों की आत्मा को भी मिलेगी शांति If you want to end your sins then do it on Apara Ekadashi to please Lord Vishnu know about the fast and rules
उज्जैन. हिन्दू धर्म में एकादशी का एक खास महत्व होता है. पूरे साल में 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जिनमें से अपरा एकादशी का एक अलग ही महत्व होता है. माना जाता है कि इस एकादशी में सारे नियमों का पालन करने से मनुष्य की गलतियों का प्रायश्चित होता है. अपरा एकादशी का व्रत रखने से मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है. साथ ही इसके प्रभाव से पितरों की आत्मा को शांति मिल सकती है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान से करते हैं. मान्यता ऐसी भी है जो इस दिन व्रत रखता है और पूजा अर्चना करता है भगवान विष्णु उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. आइए जानते हैं कि उज्जैन के पंडित आंनद भारद्वाज से विस्तार से.
कब है अपरा एकादशी
हिंदू पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी का आरंभ 2 जून 2024 की सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर हो रहा है, जो 3 जून 2024 की रात 2 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा.
अपरा एकादशी व्रत की पूजाविधि
अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- सुथरे कपड़े पहन लें. इसके बाद व्रत का संकल्प करें. इसके बाद एक चौकी पर पीला या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. इसके बाद भक्त भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते, फूल और पीले फल और मिठाई अर्पित करें. विधि-विधान से पूजन करें और पूजा के दौरान हुई गलती की क्षमा मांगे.
अपरा एकादशी का व्रत करने के लाभ
– इस व्रत करने वालों को पितरों का पिंडदान करने के बराबर फल प्राप्त होता है. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर धन-धान्य से संपन्न बनता है.
– पद्म पुराण के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से मुनष्य भवसागर तर जाता है और उसे प्रेत योनि के कष्ट नहीं उठाने पड़ते हैं.
इस मंत्र का जाप जरूरी
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस मंत्र का 108 बार जाप करें.
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FIRST PUBLISHED : June 1, 2024, 11:43 IST
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