पिता की मौत के बाद टूट गया था परिवार, नहीं मानी हार, अब बिहार के लिए खेलेगी जमुई की रोशनी 


जमुई. पिता की मौत के बाद पूरा परिवार टूट गया था, लेकिन जमुई जिले की रहने वाली रोशनी ने हार नहीं मानी. अब उसका चयन नेशनल लेवल कंपटीशन के लिए किया गया है. दरअसल, जमुई जिले के झाझा की रहने वाली रोशनी का चयन नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप के लिए किया गया है. उसने हाल ही में झांसी में आयोजित हुई प्रतियोगिता में रजत पदक पर निशाना साधा है, जिसके बाद उसका चयन नेशनल लेवल के लिए किया गया है.

रोशनी जमुई जिले के झाझा के चरघरा की रहने वाली है, तथा वह ताइक्वांडो खिलाड़ी है. रोशनी ने ताइक्वांडो के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित कर दिया है तथा महज 13 साल की उम्र में ही उसका चयन नेशनल लेवल कंपटीशन के लिए किया गया है.

झांसी में आयोजित हुई थी प्रतियोगिता
जमुई जिले के झाझा प्रखंड क्षेत्र के चरघरा के रहने वाले राकेश कुमार पासवान और रिंकू देवी की 13 वर्षीय पुत्री रोशनी कुमारी ने उत्तर प्रदेश की झांसी में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ताइक्वांडो प्रतियोगिता में रजत पदक जीता है. रोशनी झाझा केंद्रीय विद्यालय में नवम वर्ग की छात्रा है, तथा बचपन से ही उसकी रुचि खेल के प्रति रही है.

रोशनी ने बताया कि वर्ष 2019 में उसने पहली बार स्टेट लेवल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में सफलता पाई थी. उसके बाद 2019 में ही मणिपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर भी इसने अच्छा प्रदर्शन किया था. वर्ष 2023 में नेशनल लेवल कंपटीशन में ग्वालियर में इसने हिस्सा लिया था तथा वहां भी इसने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन वह पदक नहीं जीत सकी थी. लेकिन झांसी में आयोजित हुए नेशनल लेवल कंपटीशन में उसने रजत पदक पर निशाना साधा है.

अपने देश के लिए खेलना चाहती है रोशनी
रोशनी ने बताया कि उसका चयन अंडर 17 में 35 से 38 किलोग्राम भार वर्ग में नेशनल लेवल कंपटीशन के लिए किया गया है. रोशनी ने बताया कि बचपन से ही में ताइक्वांडो में नेशनल लेवल पर खेलना चाहती थी और पहली बार अपने लक्ष्य के इतना करीब पहुंचकर काफी अच्छा लग रहा है.

रोशनी ने बताया कि उसने सेल्फ डिफेंस के लिए ताइक्वांडो सीखना शुरू किया था. उसने बताया कि जब मैं छठी कक्षा में पढ़ती थी तब मैंने लोगों को कहते सुना था कि आज के दौर में लड़कियां सुरक्षित नहीं है, और मैंने खुद को सुरक्षित बनाने के लिए ताइक्वांडो सीखना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे यही मेरा लक्ष्य बनता चला गया. रोशनी ने कहा कि मैं ताइक्वांडो में अपने देश का नाम रोशन करना चाहती हूं, और मेरा पूरा परिवार इसमें मेरा सहयोग कर रहा है.

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