पूरा दिन कभी इधर-कभी उधर झूलता रहा शेयर बाजार, विदेशियों ने आज भी दिया ‘दगा’!


नई दिल्ली. मिलेजुले ग्लोबल संकेतों के बीच गुरुवार (24 अक्टूबर) को भारतीय शेयर बाजार में भी वौलेटिलिटी देखने को मिली. निफ्टी एक्सपायरी के दिन बाजार में कंसोलिडेशन देखने को मिला और अंत में सेंसेक्स- निफ्टी की फ्लैट क्लोजिंग हुई. कारोबार के अंत में तीस शेयरों पर आधारित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स (Sensex) 16.82 अंक यानी 0.02 फीसदी की गिरावट के साथ 80,065.16 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) 36.10 अंक यानी 0.15 फीसदी की गिरावट के साथ 24,399.40 के स्तर पर बंद हुआ.

दरअसल, कई चीजों ने मार्केट सेंटिमेंट को प्रभावित किया है. दूसरी तिमाही के निराशाजनक रिजल्ट, फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) द्वारा लगातार बिकवाली, मिडिल ईस्ट में बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन, अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की गति को लेकर अनिश्चितता, आगामी अमेरिकी चुनाव और बढ़ती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड.

निर्मल बंग के इक्विटी रिसर्च-रिटेल हेड सुनील जैन ने मनीकंट्रोल को बताया, “हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में स्थिति में सुधार होगा और चौथी तिमाही में सरकारी खर्च बढ़ने के साथ मजबूत रीबाउंड होगा. अगर हम कैपिटल एक्सपेंडिचर को देखें, तो सरकार ने पहले 5 महीनों में अपने बजट का केवल 27 फीसदी खर्च किया है, जबकि पिछले साल यह 37 फीसदी था. इससे बचे हुए 7 महीनों में काफी खर्चा करना बाकी है, जो उन सेक्टर्स में ग्रोथ को सपोर्ट देगा जो सरकारी फंड पर निर्भर हैं.”

जैन के मुताबिक, साल के पहले छमाही में हमने अर्थव्यवस्था के अलग-अलग हिस्सों में मंदी देखी, जो मुख्य रूप से सरकारी खर्च में कमी, चुनावों और मौसम संबंधी समस्याओं जैसे हीटवेव और भारी बारिश के कारण हुई. ये फैक्टर्स पिछले 3 से 6 महीनों में कई सेक्टर्स में करेक्शन का कारण बने हैं.

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