प्रभात बेला में ही दें सूर्य देव को अर्घ्य, इन बातों का रखें ध्यान…मनवांछित फल की होगी प्राप्ति-According to the zodiac sign, if water is offered to the Sun, all three heats, physical, divine and physical, will be summoned.
दरभंगा : हिंदू धर्म में स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है. अधिकतर परिवारों में यह परंपरा लगातार चली आ रही. सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए अर्घ्य दिया जाता है. सूर्यदेव को प्रभात बेला में अर्घ्य देने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कुणाल कुमार झा बतातें है कि समकालीन बेला में सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने का विशेष महत्व होता है.
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सूर्य जिस राशि में उदय होते हैं. उसके आधार पर ही जल में कुछ विशेष सामग्री डालकर सूर्यदेव को अर्पित किया जाता है. जैसे मेष राशि में यदि सूर्य उदित होते हैं तो अक्षत में लाल रंग के साथ चंदन मिश्रित करके भगवान सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करने से मनोकामना पूरी होती है.
सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय यह बातें रखें ध्यान
सुबह उगते हुए सूर्य को जल देना उत्तम माना जाता है, इसलिए सुबह उगते सूर्य को ही अर्घ्य दें. सुबह अर्घ्य देने पर सूर्य का सकारात्मक लाभ जीवन पर होता है. सूर्य देव को हमेशा तांबे के पात्र से ही जल देना चाहिए.सूर्यदेव को जल प्रातः काल ही चढ़ाएं. प्रातः सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद तीन बार परिक्रमा लगाएं. इसके बाद जमीन छू कर ‘ओम सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें. एक बात का ध्यान रखें कि बिना स्नान किए सूर्य को कभी भी अर्घ्य ना दें. वहीं जब सूर्य को अर्घ्य दें तो आपके दोनों हाथ सिर से ऊपर हों. सूर्य देव को अर्घ्य देते समय यदि लाल रंग के कपड़े पहनते हैं, तो ज्यादा शुभ होता है. साथ ही अर्घ्य देते समय जल में रोली, लाल चंदन और लाल रंग का फूल अवश्य डालें.
FIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 03:04 IST