फसल के लिए वरदान है गोमूत्र, सर्दियों में जरूर अपनाएं ये देशी जुगाड़, नहीं लगेगा 1 भी रुपया


Easy Tips To Protect Crop: सर्दियों में अगर आपकी फसल खराब हो रही है या पैदावार कम हो रही है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप घर बैठे कुछ घरेलू उपाय अपनाकर न सिर्फ फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं, बल्कि फसल को रोगों से भी बचा सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसे देशी जुगाड़ के बारे में बताएंगे, जो आपके आसपास आसानी से मिल जाएगा. आप मुफ्त में घर बैठे इस देशी जुगाड़ को अपनाकर फसल को रोग रहित कर सकते हैं और पैदावार बढ़ाकर प्रगतिशील किसान बन सकते हैं.

इन देशी जुगाड़ों का करें फसल पर प्रयोग
1. बीज शोधन: देशी जुगाड़ में पहला उपाय बीज शोधन का है. इसके लिए 1 लीटर गोमूत्र लें. इस गोमूत्र से एक एकड़ के बीज को शोधन कर सकते हैं. शाम के समय बीज को गोमूत्र में भिगोकर आंगन में रख दें. सुबह सूर्योदय से पहले 100 ग्राम गुड़ मिलाकर बीज की बुवाई करें. इस जुगाड़ से फसल खराब नहीं होगी और पैदावार भी दोगुनी होगी.

2. जीवामृत: दूसरा देशी जुगाड़ जीवामृत है. इसके लिए 1 किलो गाय का गोबर, आधा लीटर गोमूत्र, एक पाव बेसन, एक पाव गुड़ और बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी को 10 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाएं. इस घोल को खेतों में मशीन या हाथ से छिड़काव करें. इससे खेत में जीवाणु को भोजन मिलेगा और फसल में किसी भी प्रकार का रसायन प्रयोग नहीं होगा. फसल पूरी तरह से शुद्ध होगी.

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3. जैविक खाद: खेतों में रासायनिक खाद की बजाय गोबर की शुद्ध जैविक खाद, केंचुए की खाद, मुर्गियों की खाद और बकरियों की खाद का प्रयोग करें. इससे फसल की पैदावार बढ़ेगी और जमीन उपजाऊ होगी.

कई विषयों पर शोध करने वाले एक्सपर्ट रणंजय सिंह बताते हैं कि इन देशी टिप्स को अपनाकर हम फसल को रोग रहित बना सकते हैं और फसल पूरी तरह से शुद्ध होगी.

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