बंगले पर विवाद: राघव चड्ढा को देना था ‘टाइप-5’ आवास पर दे दिया ‘टाइप-7’, अब कैंसिल किया तो कोर्ट पहुंचे AAP सांसद


हाइलाइट्स

राज्‍यसभा सांसद के रूप में अभी राघव चड्ढा का कार्यकाल 5 साल से अध‍िक बाकी
आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री को आवंटित होते हैं टाइप-VII बंगले
वादी चड्ढा ने प्रत‍िवादी से मांगा 5.50 लाख का हर्जाना, जताई जबरन बेदखल करने की आशंका

नई द‍िल्‍ली. पंजाब (Punjab) से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राज्‍यसभा सदस्‍य चुने गए राघव चड्ढा का सरकारी आवास (Raghav Chadha Bungalow) आवंटन का मामला अब पट‍ियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में पहुंच गया है. राज्यसभा सचिवालय की ओर से राज्‍यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को सबसे पहले नई दिल्ली में एक टाइप-VII बंगला आवंटित किया गया था जोक‍ि आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री होते हैं, उनको द‍िया जाता है.

इसके बाद उनको दूसरा नया बंगला उनकी सांसद कैटेगरी के अनुसार टाइप-VI राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी ने आवंट‍ित क‍िया था. ज‍िसमें र‍ेनोवेशन कराने के बाद से वह अपने पर‍िवार के साथ रह रहे थे. लेक‍िन अब उनके सरकारी आवास का आवंटन टाइप-V का पात्र होने के चलते एक बार फि‍र से रद्द कर द‍िया गया. ज‍िसके बाद राज्‍यसभा सांसद राघव चड्ढा ने पट‍ियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले सांसद चड्ढा ने एक प्रत‍िवेदन राज्‍यसभा के सभापत‍ि (उपराष्‍ट्रपत‍ि) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को भी द‍िया था. पट‍ियाला हाउस कोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को करेगा.

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इंड‍ियन एक्‍सप्रेस में प्रकाशित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक सरकारी आवास आवंटन/रद्द मामले में पट‍ियाला हाउस कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से जवाब दाख‍िल कर द‍िए गए हैं. कोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को करेगी. चड्ढा ने सरकारी आवास आवंटन को एक बार फ‍िर से रद्द करने के फैसले को भाजपा सरकार (BJP Government) की द्वेष भावना करार द‍िया है. वादी चड्ढा ने आरोप लगाते हुए कहा है क‍ि राज्‍यसभा सांसद के रूप में अभी उनका कार्यकाल 5 साल से अध‍िक बचा है. लेक‍िन उनके आवास को रद्द करके भाजपा अपनी द्वेषभावना को जाह‍िर कर रही है.

उन्‍होंने कहा क‍ि मेरे आवास के आवंटन को रद्द करके, सरकार एक नागरिक के रूप में मेरे अधिकारों का उल्लंघन कर रही है और लोकतंत्र की महत्‍ता को कम कर रही है. इस तरह का कदम उठाकर सरकारी नीतियों को कटघरे में खड़ा करने या चुनौती देने वालों को एक डरावना संदेश भेजा है. उन्‍होंने कहा क‍ि यह कदम मैसेज दे रहा है क‍ि ‘लाइन में आओ या परिणाम भुगतो.’ उन्होंने कहा क‍ि यह केवल न्याय के लिए लड़ने के उनके संकल्प को मजबूत करता है.

चड्ढा ने सरकारी आवास आवंटन के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए यह भी आरोप लगाया है कि कुछ और भी हैं जिन्हें इसी तरह रखा गया है लेकिन उनका आवंटन रद्द नहीं किया गया है.

कोर्ट आदेश में कहा गया है क‍ि उन्होंने तर्क दिया है कि प्रतिवादी (राज्यसभा सचिवालय) जल्दबाजी में काम कर रहा है और इस बात की प्रबल आशंका है कि वादी को आवास से जबरन बेदखल किया जा सकता है. वादी (चड्ढा) की ओर से यह भी कहा गया है क‍ि बंगला किसी और को आवंटित नहीं किया जाना चाहिए. चड्ढा ने मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए प्रतिवादी से 5,50,000 / – रुपये का हर्जाना भी मांगा.

न्यायाधीश ने कहा कि इस स्तर पर चड्ढा के इस तर्क पर विचार करना उचित नहीं था कि एक बार आवास आवंटित होने के बाद सांसद के कार्यकाल के दौरान आवास को किसी भी कारण से रद्द नहीं किया जा सकता है.

चड्ढा का कहना है क‍ि उनके आवास आवंटन को रद्द करने का नोटिस उनको बिना कोई नोटिस जारी किए द‍िया गया है. उन्होंने कहा क‍ि यह उल्लेखनीय है कि उक्त आवास का आवंटन राज्यसभा के सभापति द्वारा कानून की उचित प्रक्रिया के बाद किया गया था. जिसके बाद उन्‍होंने उसका कब्जा भी ले लिया था, और अपने परिवार के साथ रहने चले गए थे.

पटियाला हाउस कोर्ट के 18 अप्रैल के आदेश के मुताब‍िक, राघव चड्ढा को पिछले साल मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद 6 जुलाई, 2022 को टाइप-VI बंगला, सी-1/12, पंडारा पार्क आवास आवंटित किया गया था. इसके बाद, 29 अगस्‍त, 2022 को, वादी (चड्ढा) ने राज्यसभा के सभापति (उपराष्‍ट्रपत‍ि जगदीप धनखड़) को टाइप-VII आवास के आवंटन का अनुरोध करने संबंधी एक प्रत‍िवेदन भी द‍िया था.

वादी के उक्त प्रत‍िवेदन पर विचार करते हुए 08 स‍ितंबर, 2022 को पूर्व आवंट‍ित आवास के बदले राज्यसभा पूल से बंगला नंबर एबी-5, पंडारा रोड, नई दिल्ली आवंटित किया गया था. वादी ने इस आवंटन को स्वीकार कर लिया और रेनेवोशन कार्य करवाकर उसमें रहने लगे. कोर्ट आदेश में इन सब बातों और तथ्‍यों का हवाला द‍िया गया है.

कोर्ट आदेश में यह भी स्‍पष्‍ट हुआ है क‍ि चड्ढा ने 9 नवंबर, 2022 को एबी-5, पंडारा रोड स्थित बंगले पर कब्जा ले लिया था. आदेश में कहा गया कि संपत्ति की मरम्मत के बाद वह अपने माता-पिता के साथ बंगले में रह रहे थे. फिर, उन्होंने कहा क‍ि उनको 3 मार्च को एक पत्र मिला जिसमें इसके आवंटन को रद्द करने की बात कही गई. इसको रद्द करने के मामले पर वादी ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा है क‍ि वह प्रदान किए गए आवास की श्रेणी के हकदार हैं. उन्होंने तर्क दिया है कि वादी को कोई सुनवाई प्रदान किए बिना आवास को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया. उन्होंने उल्लेख किया है कि संबंधित अथॉर‍िटी ने बिना कोई कारण और औचित्य बताए आवास आवंटन रद्द कर दिया है.

Tags: Aam aadmi party, Patiala House Court, Raghav Chaddha



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