बघीरा कहां हो तुम…? 1 साल में गायब हो गए 25 बाघ, आसमान खा गया या निगल गई धरती?


सवाई माधोपुरः बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व पटल पर अपनी खास पहचान बना चुके सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में मानो जैसे इन दिनों संकट के बादल मंडरा रहे हैं. रणथंभौर में हुई बाघ मानव संघर्ष की घटना अभी पूरी तरह से शांत भी नही हुई थी कि वन्यजीव प्रेमियों के लिये रणथंभौर से एक बार फिर दुःखद खबर सामने आई. इस बार रणथंभौर से विगत एक साल में 25 बाघ-बाघिनों के लापता होने की खबर ने वन्यजीव प्रेमियों के होश फाख्ता कर दिए. बाघों के लापता होने की खबर का खुलासा भी विभागीय मॉनिटरिंग रिपोर्ट में ही हुआ है, जिसे लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एंव वन्यजीव प्रतिपालक पी.के. उपध्याय द्वारा एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया, जो आगामी दो माह में रणथंभौर से गायब हुए बाघों को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. पेश है रणथंभौर से लापता हुवे बाघों पर एक खास रिपोर्ट.

जांच कमेटी का किया गया गठन
यूं तो रणथंभौर बाघों की अठखेलिया और साइटिंग को लेकर समूचे विश्व में अपनी खास पहचान बना चुका है, लेकिन बाघों के लापता होने को लेकर भी रणथंभौर हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है और एक बार फिर बाघों के लापता होने को लेकर रणथंभौर फिर से सुर्खियों में है. इस बार रणथंभौर से लापता हुए बाघों की खबर का खुलासा विभागीय मॉनिटरिंग रिपोर्ट में ही हुआ है. रणथंभौर से विगत एक साल में 25 बाघ-बाघिन लापता है. रणथंभौर से बाघों के गायब होने के खुलासे के बाद अब वन विभाग हरकत में आया है और प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एंव मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने रणथंभौर से लापता हुए बाघों की जांच को लेकर एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.

14 अक्टूबर को जारी हुई थी लापता बाघों की रिपोर्ट
जांच कमेटी दो माह में अपनी रिपोर्ट चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस में पेश करेगी. इसे लेकर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस एक आदेश जारी किया है. जारी किये गए आदेश में प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एंव मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय ने बताया है कि रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में लम्बे समय से बाघों के लापता होने की सूचना टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में आ रही थी, जिसके बारे में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ को कई पत्र भी लिखे गए. 14 अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार रणथंभौर के लापता 11 बाघों के एक साल से अधिक समय से कोई पुख्ता साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए. साथ ही 14 बाघों की उपस्थिति के पुख्ता साक्ष्य एक साल से कम की अवधि में भी प्राप्त नही हुए हैं.

बाघों के खोजने के प्रयासों की होगी जांच
ऐसी स्थिति में प्राधन मुख्य वनसंरक्षक एंव मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने एक जांच कमेटी गठन किया है. आदेशानुसार जांच कमेटी में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अध्यक्ष, वन संरक्षक ड़ॉ टी मोहनराज जयपुर और मानस सिंह उपवन संरक्षक भरतपुर को सदस्य नियुक्त किया है. यह जांच कमेटी बाघों के लापता होने के बाद सीसीएफ रणथम्भौर की ओर से बाघों को खोजने के लिए किए गए प्रयासों की जांच करेगी. कमेटी की ओर से रणथम्भौर की व्यवस्थाओं में खामियों को दूर करने लिए अपने सुझाव भी रिपोर्ट में देगी. जरूरत पड़ने पर यह जाँच कमेटी विशेषज्ञों की राय ले सकती है। कमेटी को दो माह में रिपोर्ट पेश करनी होगी.

एक साल में 11 बाघ-बाघिन लापता
रणथंभौर से लगातार लापता हो रहे बाघ बाघिनों को लेकर वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि रणथंभौर में जिस तरह से बाघों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है उसके मुताबिक रणथंभौर में बाघों को टेरेटरी के लिए पर्याप्त जगह नही मिल पा रही है, जिसके चलते बाघों में आपसी संघर्ष बढ़ा है और कमजोर बाघ रणथंभौर से बाहर निकल रहे हैं.  रणथंभौर से जनवरी 2023 से जनवरी 2024 तक 11 बाघ बाघिन और शावकों की मौत हो चुकी है. साल 2023 के पहले ही महीने में 1 बाघ, 1 बाघिन और 1 शावक की मौत हुई. 10 जनवरी को बाघ T-57 की, 31 जनवरी को बाघिन T-114 और उसके शावक की मौत हो गई.

2023 में 8 बाघ-बाघिन और शावकों ने तोड़ा दम
इसके अगले महीने में ही 9 फरवरी को बाघिन T-19 कृष्णा की मौत हो गई. मई में फिर एक टाइगर ने दुनिया छोड़ दी. 10 मई को बाघ T-104 को ट्रैंकुलाइज करते समय ओवरडोज देने से उदयपुर में उसकी मौत हो गई. सितंबर में फिर बाघिन T-79 के 2 शावकों की मौत हो गई और बाघिन का पता लगाने में वन विभाग विफल रहा. 11 दिसंबर को बाघिन T-69 के शावक की मौत हो गई. इस तरह साल 2023 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 8 बाघ-बाघिन और शावकों ने दम तोड़ दिया.

2024 में भी कई बाघों की मौत
इसके बाद जनवरी 2024 में एक बाघिन और दो शावकों की मौत हो गई. साल 2024 के जनवरी माह में बाघिन टी-99 प्री मेच्योर डिलीवरी के चलते गर्भपात का शिकार हुई. वहीं बाघिन टी-60 व उसके शावक की प्रसव पीड़ा के दौरान मौत हो गई. वहीं पिछले दो साल में रणथंभौर से बाघिन टी-39 नूर के दो शावक, बाघिन-138, बाघ टी-3, बाघिन टी-99 के दो शावक, टी-79 का शावक, युवा बाघ टी-131, बाघ टी-38 भी लापता हो चुके हैं, जिसके बाद अब बाघ टी-74 टेडी बीयर भी लापता हो गया है. बाघ टी-74 की उम्र करीब 11 साल है.

कई बाघ हो गए लापता
रणथम्भौर से लगातार बाघ-बाघिनों के गुम होने से वन विभाग के बाघों की मॉनिटरिंग और ट्रेकिंग के दावों की पोल खुलती दिखाई दे रही है. बाघिन टी-13, बाघिन टी-79 का एक शावक और बाघिन टी-99 के दो शावकों के लापता होने की सूचना आई थी. इसके बाद अब खंडार रेंज से भी बाघ टी-3 लापता हो गया है. वन विभाग की ओर से बाघ की तलाश की जा रही है. बाघ टी-3 एक उम्र दराज बाघ है, जिसकी उम्र करीब 18 साल से ज्यादा है. ऐसे में अब बाघ के मिलने की संभावना कम है. रणथम्भौर से एक साल में बाघ-बाघिन और शावकों की गायब होने की लगातार खबरे सामने आती रहती है.

25 बाघ-बाघिन और शावक लापता
इससे पहले बाघिन नूर के दो शावक, बाघिन टी-138 गायब हो चुकी है. इसके बाद टी-13, टी-79 के शावक, टी-99 के दो शावक गायब हो चुके है. वहीं हाल ही में 22 सितंबर 2024 को एक बाघ की मौत हुई थी. वहीं विगत शनिवार को ग्रामीणों ने बाघ टी 86 को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया. विगत एक साल में जिस तरह विभागीय मॉनिटरिंग रिपोर्ट में 25 बाघ बाघ -बाघिन एंव शावकों के लापता होने का खुलासा हुआ है. उससे वन्यजीव प्रेमियों में निराशा है ,वही विभागीय अधिकारियों की बाघों को लेकर मॉनिटरिंग एंव कार्यशैली तथा ट्रैकिंग पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

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