बचत का पैसा एफडी में रखना बेहतर या लिक्विड फंड में? जानें दोनों में किसमें क्या नफा, क्या नुकसान
What are liquid funds: बचत का पैसा रखने के लिए अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट का इस्तेमाल करती हैं तो वक्त आ गया है कि अब आप म्यूचुअल फंड सेगमेंट के लिक्विड फंड की ओर रुख करें. दरअसल लिक्विड फंड किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में करवाई गई साविधि जमा यानी एफडी की तरह ही गारंटीड रिटर्न देने वाली योजना है. यदि हम बात करें रिस्क फैक्टर की तो दोनों में जोखिम कम है. इक्विटीज या म्यूचुअल फंड के अन्य सेगमेंट के मुकाबले इनमें सबसे कम रिस्क है. अगर सबकुछ एक सा ही है तो फिर लिक्विड फंड में निवेश क्यों किया जाए.
इसका जावब यह हो सकता है कि चूंकि एफडी में पैसा तयशुदा समय से पहले निकालने पर आपको पेनल्टी देती होती है, जबकि लिक्विड फंड से आप कभी भी बिना पेनल्टी के अपना पैसा निकाल सकती हैं, इसलिए ये एक कदम आगे बढ़कर बेहतर माना जाता है. इसके अलावा लिक्विड फंड में ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है.
लिक्विड फंड्स में आप 500 रुपये से कम में भी डिपॉजिट कर सकती हैं. इसका टाइम पीरियड भी आप अपने हिसाब से चुन लें. हर लिक्विड फंड का ग्रेडेड एग्जिट लोड कम होता है. रिटर्न के मामले में कई कैटिगरी होती हैं. 6 फीसदी से ज्यादा रिटर्न पाने की उम्मीद कर सकती हैं और जब चाहे पैसा निकाल सकती हैं. एक बार यदि आप सात दिन तक पैसा नहीं निकालतीं, तो इसके बाद अपना पैसा वापस निकालने पर कोई जुर्माना नहीं देना होता.
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FIRST PUBLISHED : April 14, 2024, 14:49 IST