बच्चा दिन रात चला रहा मोबाइल, तो डांटे नहीं बल्कि ये वीडियो दिखाएं, फिर कभी नहीं देखेगा फोन


बदायूं. मोबाइल का क्रेज इतना बढ़ गया है कि बच्चें स्कूल से जब घर पहुंचते हैं, तब उन्हें मोबाइल ही चाहिए होता है. उन्हें खाना खाते हुई भी मोबाइल चाहिए होता है, वो घर मे खेलना भी नहीं चाहते है. कोई भी एक्टिविटी नहीं करते हैं. केवल मोबाइल और सोशल मीडिया के वीडियो देखते है. जिसके चलते बच्चो के मां-बाप परेशान रहते है. इन्हीं परेशानी को बदायूं के एचपी इंटरनेशनल स्कूल में अभिभावकों ने बताया. इसी को लेकर एचपी इंटरनेशनल स्कूल के टीचर्स ने एक नाटक किया और उसका वीडियो बनाया. बच्चे उस नाटक से मोबाइल के प्रति इतनी डर गए कि वह मोबाइल का इस्तेमाल करना नहीं चाह रहे थे, टीचर्स लगातार फोन दे रहे थे मगर वह मोबाइल नहीं ले रहे थे.

यह वीडियो जब एचपी इंटरनेशनल ने अपनी स्कूल की साइट पर डाला, तो यह वीडियो वायरल हो गया. वीडियो को अब तक तीन करोड़ लोग देख चुके हैं, काफी सारे शेर हो चुके हैं और काफी कमेंट्स लगातार आ रहे हैं. यह वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेड हो रहा हैं. बदायूं में करीब 10 साल पहले एचपी इंटरनेशनल स्कूल खुला था और लगातार इस स्कूल के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं. वहीं आज के दौर में छोटे बच्चों के अभिभावक लगातार परेशान रहते हैं. बच्चे जब घर जाते हैं तब वह मोबाइल ही मांगते हैं, वह खाना खाते समय और सोने तक लगातार मोबाइल में ही लगे रहते हैं. पढ़ाई और खेल कूद के प्रति उनका लगाओ नहीं रहता है.

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स्कूल के प्रिंसिपल शिवम पटेल ने बताया कि उनके यहां पर अभिभावकों ने जब इसको लेकर बात कही. तो हमने स्कूल के टीचरों से कहा कि एक स्त्री का नाटक किया जाए, जिससे बच्चे मोबाइल को छोड़ दें. यह वीडियो अब काफी वायरल हो रहा है और हमें खुशी है कि सोशल मीडिया पर यह वीडियो देखकर लोग और बच्चे इसे दूर होंगे और प्रेरणा बच्चों को मिलेगी कि मोबाइल कितना खतरनाक है.

8 सितंबर को एक स्कूल में पेटीएम हुआ था. बच्चों के माता-पिता का कहना था कि बच्चे मोबाइल के एडिट होते चले जा रहे हैं. इसी को लेकर हमने एक एक्टिविटी को कंडक्ट किया. इसके बाद बच्चे डर गए. उनको लगा कि हमारे टीचर को इतनी चोट लगी है, खून निकल रहा है वीडियो बनाते समय हमने नहीं सोचा था कि सोशल मीडिया पर इतना वायरल हो जाएगा. हमारा उद्देश्य बच्चों पर अपने इफेक्ट को दिखाना था. फोन को लेकर कई सारी परेशानियां आती है. बच्चे मोबाइल के प्रति ज्यादा एडिट होते हैं और माता-पिता से दूर हो जाते हैं ऐसा हमारे विद्यालय में ना हो इसी सोच के कारण हमने यह एक्टिविटी की. मोबाइल का सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है, इसीलिए हमने इस एक्टिविटी में आंख को ही चुना.

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