बजट पर मोदी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! इस यूनियन ने दी हड़ताल की चेतावनी, रख दी ये मांगे


Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:

सीटू ने केंद्रीय बजट को मजदूर, कर्मचारी, किसान और जनता विरोधी करार दिया है. इस बजट से केवल पूंजीपतियों को लाभ हुआ है. सीटू के नेताओं ने कहा कि यदि मज़दूर विरोधी प्रावधान और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के प्रस्त…और पढ़ें

X

सीटू

सीटू फाइल फोटो 

हाइलाइट्स

  • सीटू ने बजट को मजदूरों, कर्मचारियों, किसानों और आम जनता विरोधी करार दिया.
  • सीटू ने 5 फरवरी को मंडी में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की.
  • बजट के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है.

मंडी: सीटू मंडी जिला कमेटी ने केंद्रीय बजट को पूरी तरह से मजदूर, कर्मचारी, किसान और आम जनता विरोधी करार दिया है. सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह और महासचिव राजेश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह बजट केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है. इस बजट से गरीबों को कोई राहत नहीं मिलने वाला है. सरकार की नीतियों से गरीब और मजदूर वर्ग की स्थिति अधिक दयनीय हो जाएगी.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने मजदूर विरोधी प्रावधानों और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के प्रस्तावों को नहीं हटाया तो 5 फरवरी को मंडी में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद यदि स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो देशभर में हड़ताल का आयोजन किया जाएगा.

विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे ये संगठन
इस विरोध प्रदर्शन में आंगनबाड़ी यूनियन, मिड डे मील, मनरेगा, निर्माण, फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्गों के कर्मी और कई अन्य मजदूर संगठन शामिल होंगे. साथ ही रेहड़ी- फड़ी वाले व्यापारी, सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े आउटसोर्स कर्मी और अन्य व्यवसायों के मजदूर भी भाग लेंगे.

गरीबों के साथ धोखा कर रही है सरकार
सीटू जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के साथ खड़ी हो गई है और गरीबों के साथ धोखा कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भारी विनिवेश किया है और कई लाख करोड़ रुपए के राष्ट्रीय संसाधनों को निजी कंपनियों को सौंप दिया है. इससे यह साबित होता है कि सरकार का ध्यान आम जनता की भलाई की बजाय अमीरों की मदद करने में है.

कर्मचारियों की स्थिति हो रही खराब
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय बजट में बैंक, बीमा, रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाहों, गैस पाइपलाइन, बिजली, सरकारी कंपनियों के गोदाम, सड़कों और अन्य सार्वजनिक उद्योगों को निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा आंगनवाड़ी योजना के बजट में भी कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिससे इस योजना के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की स्थिति और खराब हो सकती है.

आम जनता के खिलाफ है ये बजट
भूपेंद्र सिंह और राजेश शर्मा ने सरकार से मांग की है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को तुरंत रोकें और मजदूरों, कर्मचारियों और किसानों के हित में बजट में सुधार करें. उन्होंने कहा कि यह बजट पूरी तरह से आम जनता के खिलाफ है और इसकी कड़ी आलोचना की जाएगी.

इस तरह सीटू ने 5 फरवरी को मंडी में होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाई है. उन्होंने यह संदेश दिया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन होगा.

homehimachal-pradesh

मोदी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! इस यूनियन ने दी हड़ताल की चेतावनी



Source link

x