‘बड़ा दिमाग’ लगाकर राजस्‍थान पुलिस ने एक और किडनैपिंग केस सुलझाया, जानें वृंदावन में जाकर कैसे सुलझी गुत्‍थी?


विष्णु शर्मा.

जयपुर. राजधानी जयपुर में 14 महीने पहले 11 माह के मासूम बच्चे कुक्कू के हुए अपहरण केस में जयपुर दक्षिण जिला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है.; डीसीपी दिगंत आनंद और एडिशनल डीसीपी पूनमचंद बिश्नोई के निर्देशन में पुलिस टीम ने लगातार 14 महीनों तक मासूम बच्चे और उसको किडनैप कर उत्तरप्रदेश भागने वाले अपहरणकर्ता की तलाश की. आखिरकार उसे दबोचकर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया है. बच्चे का अपहरण करने वाला आरोपी उसकी मां से एकतरफा प्यार करता है. उसने बच्चे की मां का प्यार पाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया. हैरानी की बात यह भी है कि बच्चे की मां आरोपी के चचेरी बहन है.

डीसीपी साउथ दिगंत आनंद ने बताया कि अपहरण करने वाला मास्टरमाइंड तनुज चाहर है. वह यूपी पुलिस का सस्पेंड हेड कांस्टेबल है. एएसआई प्रेमसिंह, हेड कांस्टेबल लोकेश कुमावत और कांस्टेबल राजेश की टीम ने लगातार 10 दिन कैंप कर तनुज को यूपी के अलीगढ़ जिले में गौंडा कस्बे से पीछा कर पकड़ा है. अपहृत बच्चे की मां आरोपी तनुज चाहर के बुआ की बेटी है. तनुज ने एक तरफा प्यार में बच्चे मां को अपने पास बुलाने के इरादे से मासूम का अपहरण कर किया था. तनुज ने बच्चे का अपहरण बीते साल 14 जून को किया था.

तनुज को यूपी पुलिस ने सस्पेंड कर दिया
बच्चे का अपहरण जयपुर में सांगानेर सदर थाना इलाके के वाटिका गांव से किया गया था. तनुज अपने साथियों के साथ 11 महीने के मासूम बच्चे को मां से छीनकर फरार हो गया था. वारदात के बाद तनुज यूपी भाग निकला. वह ड्यूटी से भी अनुपस्थित हो गया. वारदात में तनुज का नाम सामने आने पर डीसीपी साउथ ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया. दूसरी तरफ तनुज को यूपी पुलिस ने सस्पेंड कर दिया.

वृंदावन में साधु बनकर फरारी काटने लगा
डीसीपी दिगंत आनंद के मुताबिक तनुज चाहर खुद ने साधु का हुलिया बना लिया. वह वृंदावन और उसके आसपास के जिलों में साधु की वेशभूषा में बच्चे को अपने साथ रखकर फरारी काटने लगा. इस बीच तकनीकी सहायता से तनुज की लोकेशन ट्रेस हुई. पुलिस टीम वृंदावन में साधु संत बनकर घूमी और आखिरकार तनुज चाहर को धरदबोचा.

FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 15:44 IST



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