बाइडन सरकार ने चीन-रूस पर कसा एक और पेंच, अमेरिका में चाइनीज कारों का चलना होगा मुश्किल, अब कार साॅफ्टवेयर होंगे बैन


हाइलाइट्स

अमेरिका ने जताई कारों पर नियंत्रण खोने की चिंता.चीनी और रूसी कार साॅफ्टवेयर पर अहम जानकारियां जुटाने का आरोप.2027 से लग सकता है चीनी साॅफ्टवेयर वाली कारों पर बैन.

नई दिल्ली. अमेरिका की चीन और रूस से दुश्मनी अब कारों पर आकर ठन चुकी है. यूनाइटेड स्टेट्स की जो बाइडन सरकार चीन और रूस की सॉफ्टवेयर और तकनीक के साथ आने वाली स्मार्ट कारों पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है. अमेरिकी सरकार ने इस कदम के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है. बता दें, यह पहली बार नहीं है जब चीन को इस तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ा है. इससे पहले चीन की टेक कंपनी हुआवै और जेडटीई पर भी अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों की चोरी-चुपके निगरानी करने आरोप लगाते हुए बैन लगा चुकी है.

अमेरिकी वाणिज्य विभाग द्वारा अमेरिकी सड़कों पर कनेक्टेड और सेल्फ ड्राइव वाहनों में चीनी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिए जाने की उम्मीद है. अमेरिकी सरकार ने आशंका जताई है कि चीनी कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से ड्राइवरों और बुनियादी ढांचे की संवेदनशील जानकारियां जुटा सकती है.

कारों पर कंट्रोल खो सकता है अमेरिका
यूएस कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमोंडो ने रविवार को एक कॉन्फ्रेंस कॉल में संवाददाताओं को बताया कि फरवरी में शुरू हुई अमेरिकी सरकार की जांच में पाया गया कि अमेरिकी वाहनों में चीन और रूस से एम्बेडेड सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर से राष्ट्रीय सुरक्षा को कई तरह के जोखिम हैं, जिसमें हैकिंग द्वारा कारों का रिमोट कंट्रोल हासिल करना और ड्राइवरों के व्यक्तिगत डेटा के चोरी की संभावना शामिल है.

उन्होंने कहा, “अत्यधिक परिस्थितियों में, विरोधी देश एक ही समय में संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने सॉफ्टवेयर पर चल रहे सभी वाहनों को बंद कर सकता है या उन पर नियंत्रण कर सकता है, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं या सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं.”

2027 से लग सकता है प्रतिबंध
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह नियम अमेरिका की सड़कों पर पहले से मौजूद चीनी सॉफ्टवेयर वाली कारों पर लागू नहीं होगा. वाणिज्य विभाग के अनुसार, सॉफ्टवेयर प्रतिबंध 2027 से बनाने वाले और हार्डवेयर प्रतिबंध 2030 से बनने वाले वाहनों पर लागू होगा.

प्रस्तावित विनियामक कार्रवाई दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच भविष्य की प्रमुख कंप्यूटिंग तकनीक, सेमीकंडक्टर से लेकर एआई सॉफ्टवेयर तक की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए एक व्यापक संघर्ष का हिस्सा है. चीन ने, विशेष रूप से, कनेक्टेड कार बाजार में भारी निवेश किया है, और यूरोप में चीनी निर्माताओं द्वारा की गई प्रगति ने अमेरिका को परेशानी में डाल दिया है.

टेस्ला (TESLA) की इलेक्ट्रिक कारों द्वारा जुटाए जा रहे डेटा के बारे में चीनी सरकार की अपनी चिंताएं हैं. इस वजह से चीन के कई संवेदनशील परिसरों में टेस्ला के वाहनों की एंट्री पर रोक है.

क्या होती हैं कनेक्टेड कारें?
कनेक्टेड कार फीचर इंटरनेट से चलने वाली आजकल की मॉडर्न कारों में मिलता है. इसमें कई फीचर सॉफ्टवेयर के जरिये ब्लूटूथ और इंटरनेट से कंट्रोल होते हैं. आधुनिक कार, बस या ट्रक कनेक्टेड फीचर्स के साथ आ रहे हैं जिनके डेटा को कंपनियां रिकॉर्ड करती हैं, ताकि उसे चलाने वाले व्यक्ति को सुविधाएं दी जा सके. यह एक तरह का नेटवर्क होता है जिससे कारें जुड़ी रहती हैं और जानकारियां सर्वर से आदान-प्रदान करती हैं. इस प्रक्रिया में हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर शामिल होते हैं जो ब्लूटूथ, वाईफाई और सेलुलर तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.

इस प्रस्ताव पर 30 दिनों की सार्वजनिक टिप्पणी का समय दिया गया है और वाणिज्य विभाग का लक्ष्य बाइडन प्रशासन के अंत से पहले अंतिम विनियमन जारी करना है. अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं के लिए प्रस्तावित नियम का अनुपालन करने के लिए अपेक्षित लागतों का एक आर्थिक विश्लेषण भी जारी किया जाएगा.

Tags: America vs china, Auto News, Russia News



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