बाढ़ में डूबा सबकुछ, केदारनाथ मंदिर की तरह गणेश जी की मूर्ति को नहीं आई एक भी खरोच, जानें दिलचस्प कहानी
रवि सिंह/विदिशा: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से महज 60 कि.मी. दूर विदिशा में बेतवा नदी के किनारे रंगई गांव स्थित है. यहीं पर है गणेश जी का बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे बाढ़ वाले गणेश जी के नाम से जाना जाता है. गणेश से बाढ़ वाले गणेश कहलाने की इनकी कहानी भी काफी रोचक है. यही कारण है कि इस मंदिर की महिमा दूर-दूर तक फैली है.
इस मंदिर के पुजारी परशुराम चौबे के मुताबिक वर्ष 2005 में यहां मिट्टी के गणेश जी की झांकी लगी थी. उस समय मूसलाधार बारिश और बाढ़ आ गई, बाढ़ के कारण मिट्टी की यह गणेश मूर्ति 5 दिन तक पानी में डूबी रही. लेकिन, जैसे ही बाढ़ का पानी कम हुआ तो झांकी और आसपास का सबकुछ बह गया था, लेकिन मिट्टी की गणेश जी की मूर्ति वैसी की वैसी ही थी. मूर्ति न तो पानी में गली और न ही खंडित हुई. उसी के बाद इस मंदिर में स्थापित गणेश को बाढ़ वाले गणेश जी कहा जाने लगा.
सीएम की पत्नी कर चुकी है दर्शन
इस बात की जानकारी जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह चौहान को लगी तो वह भी इस मूर्ति के दर्शन करने आई. साथ ही उन्होंने गणेश जी की मूर्ति की स्थापना मंदिर में कराई थी. जब भी मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पत्नी विदिशा आते है, तब मंदिर के दर्शन करे बिना वापस नहीं जाते हैं. इस मंदिर से मुख्यमंत्री चौहान की अगाध आस्था है. वे यहां हर साल अपने जन्मदिन पर आते हैं और गणेशोत्सव के दौरान इस मंदिर में होने वाले भंडारे में शामिल होते हैं.
मंदिर में रहता है पुलिस का पहरा
विदिशा जिले का यह पहला मंदिर है, जहां 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है, मंदिर के पुजारी बताते हैं कि कुछ समय पहले मंदिर में लुटेरे आ गए थे, वे अपने साथ न सिर्फ मंदिर के आभूषण ले गए, बल्कि मूर्ति को खंडित भी कर दिया था. जब इस बात की सूचना मुख्यमंत्री को लगी तो उन्होंने जयपुर से गणेश भगवान की एक खूबसूरत भव्य प्रतिमा मंगवाई, और पूरे विधि विधान से उसकी स्थापना मंदिर में करवाई.
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2023, 17:09 IST