बाबा विश्वनाथ और मां गौरा का गौना, महंत आवास पर लगाई गई हल्दी, 2 दिनों तक चलेगा रस्मों का दौर


अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: नाथों के नाथ काशी विश्वनाथ के शहर बनारस में माता गौरा के गौना की रस्में शुरू हो गई. इसको लेकर धूमधाम से तैयारियां पूरी की जा रही है. सोमवार को महंत आवास पर माता गौरा को हल्दी और तेल लगाई गई. इस दौरान मंगल गीतों से महंत आवास गूंजने लगा. इए दौरान महिलाओं ने माता गौरा की रजत प्रतिमा को हल्दी लगाई.

गौरतलब है कि धर्म नगरी काशी में 20 मार्च को रंगभरी एकादशी के अवसर पर बाबा काशी विश्वनाथ और मां गौरा का गौना होगा. आज शाम 6:45 बजे माता गौरा की हल्दी रस्मों को पूरा किया गया. इस उत्सव में बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हुई. ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच महिलाओं ने मंगल गीत गाए और गीतों के बीच माता गौरा को हल्दी और तेल लगाया.

देर रात तक होगा संगीत का कार्यक्रम
महंत आवास पर लोक संगीत का ये दौर देर रात तक चलेगा. इस दौरान “गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा, “सुकुमारी गौरा कइसे कैलास चढ़िहें, “गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहैं ससुरारी” आदि गीतों पर सुहागिन महिलाएं झूम रहीं हैं. हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए “साठी क चाऊर चूमिय चूमिय..” गीत गाकर महिलाओं ने गौरा की रजत मूर्ति को चावल से चूमा.

रंगभरी एकादशी के दिन होगा गौना
पंडित वाचस्पति तिवारी ने बताया कि आज से 2 दिनों तक माता गौरा के गौना की रस्मों को निभाया जाएगा. आज हल्दी के कार्यक्रम के बाद मंगलवार को बाबा विश्वानाथ का आगमन होगा और रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माता गौरा का गौना कराकर ले जाएंगे. इस दौरान वो भक्तो के साथ जमकर होली खेलेंगे. इस दौरान गलियों में सैकड़ों क्विंटल गुलाल उड़ाया जाएगा.

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