बिहार का यह किसान करता है देसी मटन की खेती, 23 सालों में मिले कई पुरस्कार…लाखों में कमा रहे मुनाफा


पूर्णिया : किसान आजकल खेती क्षेत्र में काफी आगे निकल रहे हैं. ऐसे में कई किसान ऐसे हैं कि वह दिनों दिन खेती में अलग-अलग तकनीक और अलग-अलग फसलों का चयन कर बेहतर खेती करते हैं, जिससे वह कम लागत में लाखों का मुनाफा जल्दी कमा लेते हैं. दरअसल, ऐसा ही पूर्णिया का यह किसान है, जिन्होंने अपने 15 साल की उम्र से खेती में हाथ लगाया और अब तक 38 साल होने पर भी आज तक इस फसलों को अब तक लगता है और इस सब्जी के उत्पादन से लाखों की मोटी कमाई करता है. उन्होंने कहा कि इस ओल की खेती से उन्हें हर साल मुनाफा भी होता है. उन्हें अब तक कृषि प्रदर्शनी में भी सम्मानित कई बार किया गया. ओल को ‘देसी मटन’ भी कहा जाता है

पूर्णिया के किसान हरेंद्र सिंह ने Local 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि वह पिछले बचपन यानी जब वह 15 साल का था तब की उम्र से ही खेती करना शुरू किया है. हालांकि वह अपनी सूझबूझ से खेती करता है. उन्होंने कहा कि वह शुरुआती दौर में खेती तो अलग-अलग फसल और सब्जियों की थी लेकिन उन्हें उसमें ज्यादा मुनाफा नहीं दिखा. जिसके बाद वह अपने खाली पड़े खेत में शुरुआती दौड़ में कम पैमाने पर ओल सब्जी की खेती की शुरुआत की और यह खेती उन्हें पहली बार ही मुनाफा दे गया.

इसके बाद उसने पूरी तरह अपना मूड बना लिया खेती जब भी करेंगे ओल की जरूर करेंगे. तब से वह ओल सब्जी की खेती लगातार करते आ रहे हैं. हालांकि वह कहते हैं कि जो की खेती करने के लिए किसान भाइयों को कई तरह के लागत खर्च पड़ता है तो ही इसकी खेती में लोगों को पानी और जैविक सामान्य गोबर खाद की कम लागत से इसकी खेती अच्छी होती है.

किसान हरेंद्र सिंह कहते हैं कि वह पहली बार अपने खेत में ओल की खेती करने के लिए पहली बार समस्तीपुर से बीज मंगवाए थे. और अभी वह वहीं से उजला और हाइब्रिड बीज पूसा फार्म से मंगवाते हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने लगभग दो एकड़ खेत में लगाया है और यह जो ओल की वैराईटी बहुत अच्छी है लोग खाने में भी खूब पसंद करते हैं जिस कारण बाजार में ऊंची कीमतों पर सब दिन बिकता रहता है. हालाकि उन्होने कहा उसका ओल की वजन लगभग 9 किलो तक होता है.

ओल की खेती करने के दौरान रखे ख्याल
युवा किसान कहते हैं सबसे पहले खेत को तैयार कर उसमें गोबर और नमी बनाकर बुआई प्रक्रिया में बढ़े. उन्होंने कहा 1 कट्ठा में 200 पौधें लगते हैं. इसे लगाते समय 2×2 की दूरी और कम से कम 1 किलो तक का ओल का बीज लगाए और आने वाले 4 महीने में आपका ओल तैयार और बाजार में खरीदार भी हाथ फैलाए खड़ा रहता है.

इतनी हैं लागत इतनी होगी इनकम जानें इसका विश्वास
जिला के युवा किसान हरेंद्र बताते हैं की इस खेती में उनकी 2 लाख की लागत लगी. और ओल लगाया है जो कुछ दिनों में बाद बाजार में बिकना शुरू होगा. जिसकी कीमत ₹125 प्रति किलो बिकता है. उन्होने कहा उनका खेती का अनुभव और सूझ बूझ से की गई ओल की खेती से 7 लाख तक का मुनाफा निकालेंगे.

Tags: Agriculture, Bihar News, Local18



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