बिहार के इन क्लिनिक में नहीं होगी इंसान या जानवरों की जांच…यहां होगा मृदा परीक्षण-Humans or animals will not be tested in these clinics of Bihar…soil testing will be done here


गया : किसानों के उत्थान और कृषि के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं. इसके तहत किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए योजनाओं से जोड़ा भी जा रहा है.

बिहार में किसानों और कृषि के विकास के लिए राज्य के सभी प्रखंडों में एग्रो क्लिनिक जिसे कृषि क्लिनिक भी कह सकते हैं और इसे खोलने की तैयारी है. एग्रो क्लिनिक को लेकर कई आवेदन भी कृषि विभाग को आ चुके हैं. गया जिले की बात करें तो यहां सभी चार अनुमंडल में 8 एग्रो क्लिनिक खोले जाएंगे और जिले से कुल 21 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

बिहार में कृषि क्लिनिक खोले जाने की पहल से राज्य के उन युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे जिन्होंने कृषि या इससे संबंधित विषयों में पढ़ाई की है क्योंकि इन्हें ही कृषि क्लिनिक खोलने की अनुमति दी गई है. एक कृषि क्लिनिक खोलने में कुल पांच लाख रुपए की लागत आएगी जबकि कृषि क्लिनिक खोलने के लिए राज्य सरकार की तरफ से दो लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि उचित समय पर सही जानकारी नहीं होने के अभाव में किसानों को फसल में 30 फीसदी नुकसान का सामना करना पड़ता है पर क्लिनिक खुल जाने से किसानों को राहत मिलेगी.

गया जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह बताते हैं कि जिले के गया सदर, टिकारी, नीमचकबथानी और शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र में दो दो एग्रो क्लिनिक खुलने हैं. कृषि क्लिनिक में किसानों को उनकी समस्याओं का सही और सटीक समाधान मिलेगा. अगर किसान के खेत में दवा के छिड़काव की जरूरत होगी को कृषि क्लिनिक के माध्यम से ही दवा का छिड़काव भी कराया जाएगा. कृषि क्लिनिक के माध्यम से सिर्फ दवा का छिडकाव ही नहीं इन केंद्रों में मिट्टी जांच से लेकर बीज विश्लेषन, कीट और रोग से संबंधित सुझाव और पौधा संरक्षण से संबंधित जानकारी किसानों को दी जाएगी. इससे जिले में कृषि उत्पादन और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता दोनों में बढ़ोतरी होगी.

कृषि क्लिनिक में सेवा देने के लिए अभ्यर्थी को कृषि स्नातक, कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक या किसी विश्विविद्यालय से कृषि या उद्यान में स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य होगा. इसके अलावा उन युवाओं को भी कृषि क्लिनिक के संचालन की जिम्मेदारी दी जा सकती है जिनके पास एग्रीकल्चर या बोटनी में कम से कम दो वर्षों का अनुभव हो और उनके पास इस क्षेत्र में डिप्लोमा की डिग्री हो या फिर कृषि विषय से इंटरमीडिएट या फिर केमिस्ट्रि, बॉयोलॉजी और बॉटनी में स्नातक की डिग्री होगी. अब तक जिले के चार अनुमंडल में 8 कृषि क्लिनिक स्थापित करने के लिए 21 आवेदन मिले हैं. जल्द ही इसकी चयन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

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