बिहार के इस मंदिर में चढ़ाई जाती है करोड़ों रुपए की माला, भक्तों का लगता है तांता


आदर्श कुमार / पूर्वी चंपारण: जिले में स्थित गोरिया धाम मनोकामना माई मंदिर एक ऐसा अनोखा धार्मिक स्थल है जहां मन्नत पूरी होने पर भक्तगण पैसों की माला चढ़ाते हैं. यहां लगने वाले मेले में अन्य सामग्रियों के अलावा सबसे ज्यादा पैसों की माला की दुकानों का जोर रहता है. दूर-दराज से आए श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर पैसों की माला चढ़ाने मंदिर में आते हैं.

ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा है मंदिर
गोरिया धाम मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है और मान्यता है कि यहां पहली बार मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. यही वजह है कि यह मंदिर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. पूर्वी चंपारण के साथ-साथ नेपाल और अन्य जिलों से भी लोग यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं.

मन्नत पूरी होने पर पैसों की माला का चढ़ावा
यहां परंपरा है कि मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु अपनी सामर्थ्य के अनुसार 10 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की नोटों की माला चढ़ाते हैं. इन मालाओं की कीमत 200 रुपये से लेकर 10,000 रुपए तक हो सकती है और ऑर्डर पर इससे भी बड़ी माला बनवाई जा सकती है.

लाखों का व्यापार, आस्था का प्रतीक
हर साल इस मंदिर में करोड़ों रुपए की पैसों की माला चढ़ाई जाती है, जिससे देवी की मूर्ति नोटों से ढक जाती है. लोकल18 से बातचीत में एक दुकानदार ने बताया कि वे हर साल 4-5 लाख रुपए की मालाए बेचते हैं. यह तो सिर्फ एक दुकान की बात है, यहां दर्जनों दुकानों में लाखों की मालाएँ बिकती हैं, जिससे मेला व्यापारिक रूप से भी समृद्ध हो जाता है.

आस्था और व्यापार का संगम
गोरिया धाम मंदिर में आस्था और व्यापार का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. श्रद्धालु माता के दर्शन और मन्नत पूरी करने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहते हैं, वहीं मेले में लगी दुकानों और पार्किंग से स्थानीय व्यापारियों को भी अच्छा मुनाफा होता है. इस स्थान की आस्था और व्यापार ने इसे धार्मिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बना दिया है.

Tags: Bihar News, Local18



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