बिहार जमीन सर्वे पर को लेकर लोगों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने ले लिया बहुत बड़ा फैसला



nitish 3 2024 12 e36042c7039c1d0f94e2dc5dbdd849d9 बिहार जमीन सर्वे पर को लेकर लोगों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने ले लिया बहुत बड़ा फैसला

पटना. बिहार में जमीन सर्वे को लेकर नीतीश सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है और इसकी समय सीमा तीसरी बार बढ़ा दी है. अब लैंड सर्वे का कार्य जुलाई 2026 तक पूरा किया जाएगा. बता दें कि इसके पहले सर्वे कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि जुलाई 2025 थी, लेकिन अब इसकी कार्य अवधि एक साल और बढ़ा दी गई है. इस निर्णय को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि दावा आपत्ति से लेकर जमीन से जुड़े अन्य सभी कार्यों को पूर्ण करने की समय सीमा बढ़ाई गई है, क्योंकि जमीन विवाद को दूर करने के लिए जमीन का सर्वेक्षण करना बिहार सरकार की प्राथमिकता है.

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के अनुसार, जो लोग जहां हैं वह वहीं से ऑनलाइन वेबसाइट पर जमीन से जुड़े सभी कागजात अपलोड कर सकते हैं. इसके लिए किसी कार्यालय में चक्कर लगाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. लोग सरलता से सर्वे में भाग ले सकें, इसके लिए ही समय सीमा बढ़ाई गई है. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जमीन सर्वे के कार्य को सुचारू तरीके से अंजाम पहुंचने के लिए 14000 से अधिक राजस्व कर्मचारियों की बहाली की गई है.

अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जमीन सर्वे कार्य को लेकर दाखिल खारिज सहित जमीन संबंधित सभी जरूरी सेवाओं का लाभ लोगों को दिलाने का फोकस किया जा रहा है. इसमें लापरवाही बरतने वाले राजस्व कर्मियों खास तौर पर अंचलाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने यह भी जानकारी साझा की कि अब तक 349 राजस्व अधिकारी पर विभागीय कार्यवाही हो चुकी है और 109 कर्मियों को चेतावनी दी गई है.

दीपक कुमार सिंह ने यह भी बताया कि राज्य के 38 जिलों के सभी 534 अंचलों में भूमि सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. गौरतलब है कि इसी वर्ष अगस्त में जमीन सर्वे का काम शुरू हुआ है. यहां यह भी बता दें की पहली बार नवंबर 2024 तक दस्तावेज की सीमा बढ़ाई गई थी. फिर दूसरी बार मार्च 2025 तक की मोहलत दी गई और अब जो जुलाई 2026 तक की समय सीमा है.

बता दें कि नीतीश सरकार पहली बार ग्रामीण क्षेत्र के अतिरिक्त राज्य के शहरों में भी सर्वे का प्रस्ताव लेकर आई है. इसके तहत सोनपुर, बांका, राजगीर, तारापुर, बक्सर और डेहरी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा चुका है. केंद्रीय संस्था इसका नक्शा तैयार करेगी और फिर यहां भी सर्वे का काम शुरू किया जाएगा. जानकारी के अनुसार, जनवरी से जमाबंदी के आधार को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

दीपक कुमार सिंह ने यह भी बताया कि जमीन दस्तावेजों के स्कैन करने का डिजिटल रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है. वर्ष 2022 से चल रहे इस कार्य में अब तक 23 करोड़ दस्तावेजों को स्कैन किया जा चुका है. इसमें 15 करोड़ अभिलेख की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है और इसे कोई भी देख सकता है. भू अभिलेख वेबसाइट के माध्यम से अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों को छाया प्रति ऑनलाइन मुहैया कराई गई है.

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों को राजस्व विभाग में मिलने वाली सेवाओं की सतत निगरानी और समय पर उन्हें मुहैया कराने के लिए राजस्व कोर्ट प्रबंधन प्रणाली विकसित की गई है. इस पर लंबित मामलों का निपटारा जल्द करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.



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