बिहार में धान की उन्नत किस्मों से बढ़ेगी पैदावार, कम लागत में कमा सकते है अधिक मुनाफा


बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, यहां की 80% से अधिक आबादी की आजीविका खेती पर निर्भर है. यहां विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं, जिनमें गेहूं, मक्का, चना, सब्जियां और बागवानी फसलें शामिल हैं. इनमें धान की खेती को विशेष महत्व प्राप्त है. राज्य की लगभग 17 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान की खेती की जाती है, जो बिहार की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

बिहार के विभिन्न जिलों में स्थानीय मौसम और मिट्टी के अनुसार धान की अलग-अलग किस्में उगाई जाती हैं. इनमें रोहतास जिला, जिसे “धान का कटोरा” भी कहा जाता है, धान उत्पादन में सबसे आगे है. यहां की उर्वर भूमि और अनुकूल जलवायु की वजह से धान की खेती बड़ी मात्रा में होती है. रोहतास में धान की उन्नत किस्मों की खेती की जाती है, जिससे किसानों को अधिक पैदावार और बेहतर मुनाफा प्राप्त होता है.

धान की खेती में नई तकनीकों और उन्नत बीजों का उपयोग करके किसान अपनी पैदावार में लगातार सुधार कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर सोभना रानी का कहना है कि उन्नत किस्में जैसे “सहयोगी धान”, “आरएचएच 1”, और “स्वर्णा सब 1” किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो रही हैं. इन किस्मों की विशेषता यह है कि ये कम समय में अधिक उत्पादन देती हैं और बीमारियों के प्रति सहनशील होती हैं. इसके अलावा, इनकी खेती कम पानी में भी बेहतर परिणाम देती है, जिससे बिहार के कुछ जलसंकटग्रस्त क्षेत्रों में समस्या का समाधान हो रहा है.

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बिहार के किसान इन उन्नत किस्मों और आधुनिक तकनीकों को अपनाते हैं, तो वे न केवल बंपर पैदावार हासिल कर सकते हैं, बल्कि अपनी आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं.

Tags: Bihar News, Local18



Source link

x