बुलडोजर पर लगी सुप्रीम रोक, मगर अखिलेश यादव को सताने लगा ये डर, योगी बाबा वाकई कर देंगे खेल!


सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और देश के अन्य इलाकों में बीते कुछ समय से अपराधियों के घर ढाहने की बढ़ती कार्रवाइयों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. खासकर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार किसी जघन्य अपराध के आरोपियों के घर पर तुरंत बुलडोजर चलवा दे रही थी. विपक्षी दल सीएम योगी की इस कार्रवाई को धर्म और जाति से जोड़कर देखते थे. वे आरोप लगाते थे कि योगी सरकार का बुलडोजर खासतौर पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलता था. सीएम योगी ने अपने इस बुलडोजर एक्शन के जरिए अपनी राजनीति को भी धार देने की कोशिश की थी. उनके चाहने वालों में उनका यह बुलडोजर एक्शन खूब पसंद भी किया जाता था. हालांकि, सरकारी एजेंसियां अपनी हर बुलडोजर कार्रवाई में यह तर्क देती थी कि आरोपी के घर या दुकान का निर्माण अवैध था. उसने अतिक्रमण किया था या फिर उसने उचित विभाग से उस निर्माण की मंजूरी नहीं ली थी.

खैर, अब बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर सीएम योगी की राजनीति किस दिशा में बढ़ेगी. हालांकि, सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने एक बड़ी आशंका जता दी है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोजर को ही नहीं बल्कि बुलडोजर का दुरुपयोग करनेवालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है. आज बुलडोजर के पहिये खुल गये हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है. ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था. अब न बुलडोजर चल पाएगा, न उसको चलवानेवाले. दोनों के लिए ही पार्किंग का समय आ गया है. आज बुलडोजरी सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है. अब क्या वो बुलडोजर का भी नाम बदलकर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है.

अखिलेश की आशंका
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट की आखिरी लाइन में आशंका जताई कि योगी सरकार बुलडोजर का नाम बदलकर उसका दुरुपयोग कर सकती है. लेकिन, हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने को कहा है. बुलडोजर इस ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम देने का जरिये मात्र है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह हमारे संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों आदि पर बने अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होगा.

पीठ ने कहा कि यदि अवैध ध्वस्तीकरण का एक भी उदाहरण है तो यह हमारे संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है. शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें आरोप लगाया गया था कि कई राज्यों में आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि संपत्तियों को ध्वस्त करने का विमर्श गढ़ा जा रहा है. पीठ ने वरिष्ठ विधि अधिकारी से कहा कि आप निश्चिंत रहें, बाहरी शोर हमें प्रभावित नहीं करते.

योगी की राजनीति
लंबे समय से देश में योगी की पहचान बुलडोजर की राजनीति करने वाले नेता की रही है. यूपी में ही सबसे अधिक बुलडोजर एक्शन देखा गया. वह अपने इस एक्शन के जरिए राज्य में कानून का इकबाल होने का संदेश दिया करते थे. वह अपराधियों में कानून का भय पैदा करना चाहते थे. हालांकि यह भी सही है कि कई दफा इस एक्शन पर सवाल उठाए गए और वे सवाल उचित भी थे. अब देखना होगा कि इस बुलडोजर एक्शन पर रोक के बाद सीएम योगी राज्य में कानून का इकबाद दिखाने के लिए कौन सा तरीका इजाद करते हैं.

Tags: Akhilesh yadav, CM Yogi Adityanath, Supreme Court



Source link

x