बैंगन की खेती में कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलती, इस वैज्ञानिक ने बताया नुकसान से बचने का तरीका
दरभंगा : बैंगन की खेती किसानों के लिए फायदेमंद होती है. क्योंकि बैगन में जब फलन शुरू होता है तो लंबे समय तक यह आमदनी का स्रोत बन जाता है . यही वजह है कि जिले में बैगन की खेती ज्यादातर किसानों के द्वारा की जाती है . लेकिन जब फसल की ग्रोथ नहीं होती तो किसान को समस्या का सामना करना पड़ता है. तो इसका क्या उपाय है आइए जानते हैं
फिर से कमा सकते हैं अच्छी मुनाफा
ऐसे ही एक किसान जिसने 24 कट्ठा में बैगन की खेती कर रखी है. इस किसान की समस्या है कि उसका बैगन ग्रोथ नहीं कर रहा, जिससे वह परेशान है .किसान का कहना है कि भारत सरकार से मिलने वाली खाद भी इसमें जरूरत के मुताबिक दी गई है उसके बावजूद भी यह फसल ग्रोथ नहीं कर रही है .तो इसी समस्या से बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिक ने अपना सुझाव दिया है कि किस प्रकार से आप अपने बैंगन की फसल को बचा सकते हैं और फिर से अच्छी मुनाफा कमा सकते हैं.
फल न आना एक आम समस्या
प्रोफेसर एसके सिंह विभागाध्यक्ष, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी व नेमेटोलॉजी और डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा, बतातें है कि बैंगन की खेती में अच्छी वानस्पतिक वृद्धि के बावजूद फूल न आना एक आम समस्या है, जो किसानों की उत्पादकता और आय को प्रभावित कर सकती है. इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे पोषक तत्वों की कमी, जलवायु परिस्थितियां, रोग और कीट प्रबंधन में चूक, और खेती के गलत तरीकों का पालन.
बैंगन में फूल न आने के ये हो सकते हैं कारण
पौधों की वानस्पतिक वृद्धि के लिए नाइट्रोजन आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिकता से पौधों में पत्तियों और तनों का विकास तो होता है, लेकिन फूल बनने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है. फूलों और फलों के विकास के लिए फॉस्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्व आवश्यक हैं. इनकी कमी से पौधे में फूल बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है. बोरॉन एवं जिंक भी फूल बनने की प्रक्रिया के महत्वपूर्ण हिस्सा है. पानी का ज्यादा या कम इस्तेमाल पौधों के विकास को प्रभावित करता है. ज्यादा पानी भरने से जड़ें सड़ सकती हैं और पौधों की ऊर्जा फूल बनने में खर्च होने के बजाय वृद्धि में लग जाती है. बैंगन का पौधा मीडियम तापमान पर बेहतर वृद्धि करता है. अत्यधिक गर्मी या ठंड से फूल बनने की प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
बैंगन में फूल आने के लिए उपाय
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित अनुपात में उपयोग करें. और नाइट्रोजन का उपयोग पौधों की शुरूआती अवस्था में करें और फूल बनने के समय इसे कम करें. नाइट्रोजन (N)120 किग्रा/हेक्टेयर , 3 किश्तों में दें , व पहली किश्त रोपाई के 15 दिन बाद, और दूसरी किश्त फूल आने के समय. यदि वानस्पतिक वृद्धि बहुत अच्छी हो तो नाइट्रोजन की दूसरी किस्त को रोक देना चाहिए. तीसरी किश्त फल बनने के समय देना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 17:30 IST