ब्रुनेई में मीडिया पर हैं बेहद कड़े प्रतिबंध, चुटकी में गिरफ्तार हो जाते हैं पत्रकार



<p style="text-align: justify;">देश के प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.abplive.com/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> मंगलवार को ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे पर रवाना हुए हैं. विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने सोमवार को बताया कि पीएम ब्रुनेई के सुल्&zwj;तान हाजी हसनल बोलकिया के बुलावे पर ब्रुनेई जा रहे हैं और यहां वे दो दिनों के दौरे पर रहेंगे. यह कोई आम देश नहीं है, यहां पर कई कठोर कानून लागू हैं. यहां की रॉयल फैमिली और कानून की चर्चा दुनिया में मशहूर है. आइए जानते हैं कैसा है यहां वर सजा का प्रावधान…&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसा देश है ब्रुनेई?</strong><br />यह साउथ ईस्ट एशिया का एक अमीर और छोटा देश है, जहां की आबादी 5 लाख से भी कम है और यहां की औसत आयु पुरुषों की 73 और महिलाओं की 75 है. ब्रुनेई को आजादी 1984 में मिली. दक्षिण चीन सागर इसके उत्तर में स्थित है और मलेशिया इसके पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में है. यहां की सरकार की आय का मेन सोर्स ऑयल और गैस है, जिसका देश की GDP में 80 फीसद योगदान है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसा है इस देश का कानून?&nbsp;</strong><br />इस देश में शरिया कानून के हिसाब से सजा दी जाती है. यहां तालिबान और अरब के कुछ देशों जैसे ही कानून होते हैं. अगर कोई चोरी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके हाथ काट दिए जाते हैं और रेप की सजा मौत दी जाती है. LGBTQ की सजा यहां पत्थरों से मार मारकर मौत है. इसे लेकर इंटरनेशनल स्&zwj;तर पर नाराजगी भी दिखाई देती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मीडिया पर कड़े प्रतिबंध&nbsp;</strong><br />ब्रुनेई में इतना कड़ा कानून है कि आपातकालीन शक्तियों के तहत, सरकार ने मीडिया सहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया है. संविधान या कानून में बोलने की स्वतंत्रता का कोई प्रावधान नहीं है. यहां का कानून सरकार को बिना क&zwj;िसी पूर्व सूचना या कारण बताए समाचार पत्र बंद करने की अनुमति देता है. स्&zwj;थानीय समाचार पत्रों को विदेशी संपादकीय, कर्मचारियों, पत्रकारों और प्रिंटरों को काम पर रखने के लिए संचालन लाइसेंस और सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है. वहीं सरकार के पास विदेशी प्रकाशनों को रोकने का भी प्रावधान है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जेल और भारी जुर्माना भी लग सकता है&nbsp;</strong><br />सरकार के पास एकमात्र स्थानीय टेलीविजन स्टेशन, तीन मलेशियाई टेलीविजन चैनल और दो सैटेलाइट टेलीविजन सेवाएं उपलब्ध हैं. कानून के तहत समाचार पत्र प्रकाशकों, मालिकों या संपादकों के खिलाफ मुकदमा चलाने का भी नियम है. अगर सरकार के खिलाफ कोई भी देशद्रोही चीजें पब्लिश की हैं तो मुकदमा चल सकता है. सजा में एक वर्ष तक प्रकाशन रुक सकता है. वहीं किसी अन्&zwj;य नाम से प्रकाशन करने या लिखने पर भी बैन होगा. किसी का इंटरव्&zwj;यू करने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती है. जिन पत्रकारों को &ldquo;झूठी और दुर्भावनापूर्ण&rdquo; रिपोर्ट लिखने का दोषी पाया जाता है, उन्&zwj;हें भारी जुर्माना या तीन साल तक की जेल हो सकती है.</p>
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