भजन-कीर्तिन छोड़ थामा कुदाल, जब सरकार ने छोड़ा हाथ! महिलाओं ने यूं बुझाई गांव की प्‍यास, अब देश कर रहा सलाम


Odisha News: भारत का एक बड़ा हिस्‍सा पानी की कमी से जूझ रहा है. लाख प्रयासों के बावजूद सरकारें अबतक लोगों की पानी की बुनियादी समस्‍याओं को भी पूरी तरह से सुलझा पाने में विफल रही हैं. ऐसे में लोग बड़ी संख्‍या में एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. ओडिशा का एक गांव ऐसा भी है जहां पानी की कमी से जूझ रहे गांव की समस्‍या का निवारण करने के लिए महिलाओं ने बीड़ा उठाया. जब सरकार ने नहीं सुनी तो इन महिलाओं ने हाथ में फावड़ा और कुदाल उठा ली और दूर गांव से एक छोटी सी नहर खुद-ब-खुद खोद डाली. अब पूरे देश में इनकी तारीफ हो रही है.

ओडिशा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार बलपुर जिले के नकटीदेउल ब्लॉक के बड़ाबहाल गांव में अधिकारियों द्वारा अनसुनी किए जाने के बावजूद महिलाओं के एक ग्रुप ने अपने दम पर लगातार जल संकट का समाधान ढूंढ लिया है. महिलाओं ने अपने गांव की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सामुदायिक भावना और दृढ़ संकल्प का लाभ उठाते हुए एक जल परियोजना को अंजाम देने का ना सिर्फ बीड़ा उठाया, बल्कि उसमें सफलता भी प्राप्‍त की. बताया गया कि सरकारी उदासीनता की कमी से यह महिलाएं निराश थी.

खुद ही खोद डाली नहर
महिलाओं को पता चला कि दूर गांव में पानी की उपलब्‍धता है. महिला समूह ने अपने समुदाय के लिए दूर की एक खाड़ी से पानी लाने का बीड़ा उठाया. यह अपनी महिलाओं की रचनात्मकता, उनके दृढ़ विश्‍वास और मेहनत के चलते गांव तक पहुंचा. उन्होंने पहले गांव तक एक नहर बनाई. फिर पानी को संभालकर रखने के लिए छह फुट के एक टैंक का निर्माण किया. ये महिलाएं बेतारिझरन खाड़ी से पानी कोको सफलतापूर्वक गांव तक लाने में सफल रही.

गांव में भजन-कीर्तिन करती हैं महिलाएं
यह महिलाएं परंपरागत रूप से गांव में धार्मिक प्रथाओं के लिए भक्ति गीत गाने और कीर्तन का आयोजन करने का काम करती थी. गांव पर मुसीबत आई तो उन्‍होंने अपनी भूमिका को बदला. पाया गया कि पानी की कमी के कारण गांव में करीब 100 एकड़ खेती योग्‍य जमीन बंजर होती जा रही है. महिलाओं ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) से संपर्क किया. प्राप्‍त हुए आर्थिक सहयोग से महिलाओं को काफी मदद मिली. इन पैसों से उन्‍होंने पाइप सहित अन्‍य जरूरी सामग्री खरीदी. महिलाओं ने बर्बाद हो रहे पानी को सिंचाई और घर के कामों के स्रोत में बदल दिया. अब पूरा देश इन महिलाओं के योगदान को सलाम कर रहा है.

FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 09:00 IST



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