भारत-अमेरिका प्रौद्योगिकी व्यापार बढ़ाएंगे, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार क्षेत्र पर होगा जोर
भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी साझेदारी बढ़ाने, साथ मिलकर सेमीकंडक्टर, 5जी और 6जी दूरसंचार नेटवर्क, क्वांटम और उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र में उत्पादन की संभावनाएं तलाशेंगे. शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान में यह बात कही गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वाशिंगटन में बैठक के बाद 22 जून को यह बयान जारी किया गया.
बयान में कहा गया कि दोनों सरकारें प्रौद्योगिकी साझेदारी बढ़ाने, साथ मिलकर विकास और उत्पादन के अवसरों को बढ़ावा देने और नियमों को अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
भारत और अमेरिका ने आपसी वाणिज्य, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, सेमीकंडक्टर, 5जी और 6जी दूरसंचार और ओपन सोर्स आधारित दूरसंचार नेटवर्क, क्वांटम और उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
संयुक्त बयान में कहा गया, ”राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार साझेदारी के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने को दोनों देशों के सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन कार्यक्रमों के समन्वय में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. इससे व्यावसायिक अवसरों, अनुसंधान, प्रतिभा और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा.”
दोनों नेताओं ने कंप्यूटर मेमोरी चिप विनिर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी की घोषणा का स्वागत किया. माइक्रोन गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली एवं परीक्षण संयंत्र लगाएगी, जिसपर कुल 2.75 अरब डॉलर (22,540 करोड़ रुपये) का निवेश होगा.
बयान में कहा गया, ”दोनों नेताओं ने भारत में सेमीकंडक्टर शिक्षा और कार्यबल के विकास में तेजी लाने के लिए 60,000 भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लैम रिसर्च के प्रस्ताव का स्वागत किया.”
उन्होंने एक सहयोगी इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के लिए एप्लाइड मैटेरियल्स इंक की घोषणा का भी स्वागत किया.