भारत में बैन हैं ये किताबें, अगर आपके पास मिलीं तो इतने साल की जेल हो सकती है



<p class="p1" style="text-align: justify;">दुनियाभर में पढ़ाई करना अच्छा ही माना जाता है, जिससे तरह-तरह का नॉलेज मिलता है. कई लोग किताबें पढ़ने के बेहद शौक़ीन होते हैं, लेकिन क्या आप उन किताबों के बारे में जानते हैं जिन्हें हमारे देश की सरकार ने बैन कर दिया है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन किताबों को पढ़ना तो दूर यदि आपने रखा भी तो आपको जेल तक की सज़ा हो सकती है. चलिेए आज कुछ उन्हीं किताबों के बारे में जानते हैं.</p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>ये किताबें हैं भारत में बैन</strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>द फ़ेस ऑफ मदर इंडिया- इस किताब के सब्जेक्ट की बात करें तो </strong>भारत में जब सेल्फ रूल यानी स्वशासन की मांग उठ रही थी<span class="s1">, </span>तब कैथरीन मेयो ने इस किताब को लिखा था<span class="s1">. </span>इसमें कैथरीन ने भारत की संस्कृति<span class="s1">, </span>और यहां के पुरुषों के कमजोर होने की बात की थी<span class="s1">. </span>इस किताब के मदर इंडिया नाम को सुन कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं<span class="s1">. </span>इस किताब को बैन करने का कारण भारत को ब्रिटिश नज़रिये से बताना था<span class="s1">. </span>जिसमें भारत को स्वशासन करने के योग्य नहीं बताया गया था<span class="s1">. </span>इस किताब को बैन तो किया ही गया है साथ ही इसके भारत में आयात पर भी पाबंदी है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>हिन्दू हैवन</strong><span class="s1">- </span>अमेरिकी मिशनरीज़ के काम पर आधारित इस किताब को मैक्स वाइली ने लिखा है<span class="s1">. </span>इसमें बताया गया है कि वो भारत में किस तरह काम कर रहे थे और उस समय भारत किन चीजों से जूझ रहा था<span class="s1">. </span>जब ये किताब छपी उस समय के लोगों को लगा कि इसमें बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया गया है<span class="s1">. </span>इसलिए इसे बैन करने के साथ इसके इम्पोर्ट पर भी पाबंदी लगी हुई है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>अनआर्म्ड विक्ट्री</strong><span class="s1">- </span>वैसे तो ये किताब क्यूबा के मिसाइल क्राइसिस के बारे में है<span class="s1">, </span>लेकिन इसमें भारत<span class="s1">-</span>चीन युद्ध के बारे में भी बताया गया है<span class="s1">. </span>इस किताब को लिखने वाले बरट्रंड भारत के रुख़ को लेकर बहुत क्रिटिकल दिखे<span class="s1">. </span>ऐसे में इस किताब के रिलीज़ होते ही इसे बैठ कर दिया गया था<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>अंगारे</strong><span class="s1">- </span>इस किताब में उर्दू में छोटी<span class="s1">-</span>छोटी<span class="s1"> 9 </span>कहानियां लिखी गई हैं<span class="s1">. </span>हालांकि मुस्लिम समाज में फैली कट्टरता और पितृसत्ता को बताती ये किताब उन्हें पसंद नहीं आई<span class="s1">. </span>ख़ासकर उत्तर भारत के मुसलमानों को<span class="s1">. </span>ऐसे में इस किताब को बैन कर दिया गया<span class="s1">. </span>पुलिस ने<span class="s1"> 5 </span>कॉपियों को छोड़कर इसकी सभी कॉपियां जला दी थीं<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>द टरूं फुरकान</strong><span class="s1">- </span>इस किताब में क़ुरआन की सीखों को क्रिश्चियनिटी से मिला जुलाकर लिखा गया था<span class="s1">. </span>ऐसे आरोप लगाए गए कि ये मुस्लिमों का मज़ाक उड़ाने के लिए लिखी गई है<span class="s1">. </span>साथ ही आरोप ये भी लगे कि उन्हें अपने धर्म के रास्ते से हटाकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए ये किताब प्रोत्साहित करती है<span class="s1">. </span>ये किताब भारत में इम्पोर्ट करके भी नहीं लाई जा सकती<span class="s1">. </span>कस्टम विभाग भी अपनी साईट पर ये साफ<span class="s1">-</span>साफ लिख चुका है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong><span class="s1">यह भी पढ़ें: <a title="अंतरिक्ष में मौजूद स्पेस स्टेशन या स्पेसशिप से पृथ्वी पर मैसेज आने में कितना लगता है वक्त, क्या होता है इसका सिस्टम?" href="https://www.abplive.com/gk/how-much-time-does-it-take-for-a-message-to-reach-earth-from-a-space-station-or-spaceship-in-space-what-is-its-system-2675144" target="_self">अंतरिक्ष में मौजूद स्पेस स्टेशन या स्पेसशिप से पृथ्वी पर मैसेज आने में कितना लगता है वक्त, क्या होता है इसका सिस्टम?</a></span></strong></p>



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