मछुआरों ने नदी में फेंकी जाल, फंसी ऐसी दुर्लभ चीज, दुनिया रह गई हैरान, सैकड़ों सालों से थी तलाश
खेल-खेल में कई बार ऐसी चीजें आ जाती हैं, जो सदियों पुराना रहस्य उजागर कर देती हैं. कुछ ऐसा ही चिली में हुआ. मछुआरों ने मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल फेंकी. लेकिन ऐसी दुर्लभ चीज फंस गई, जिसे देखकर दुनिया हैरान रह गई. एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ों सालों से इसकी तलाश थी. साइंटिस्ट इसे चमत्कार मान रहे हैं, क्योंकि इस जीव को तीन सदियों से नहीं देखा गया था. इसे लुप्त माना जा चुका था.
यूरोपियन जर्नल ऑफ टैक्सोनॉमी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चिली के सैंटियागो में मछुआरे रोज की तरह नदी में उतरे थे. मछलियां पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. तभी उनकी जाल में एक शार्क मछली फंस गई. मछुआरों ने देखा तो समझ नहीं पाए. क्योंकि ऐसी मछली उन्होंने कभी नहीं देखी थी. उन्होंने तुरंत संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दी. साइंटिस्ट ने जांच की तो पता चला कि यह चिली एंजेल शार्क है, 18वीं सदी में कभी धरती पर हुआ करती थी. लेकिन बाद में लुप्त हो गई.
चिली के सेंटियागो में मछुआरों को मिली ये एंजेल शार्क (Photo- European Journal of Taxonomy )
निशाचर के नाम से मशहूर
साइंटिस्ट इसे लेकर नेशनल म्यूजियम पहुंचे. रिसर्च में पता चला कि यह सदियों से लापता मछली काफी अनूठी है. शार्क की लंबाई केवल 3 फीट थी. शरीर अन्य शार्क से अलग बिल्कुल चपटा था. इनकी पीठ पर कांटे थे. सिर पर भी छोटे, तेज, हुक के कारण ये काफी खतरनाक मानी गई. यह शार्क छिपने में माहिर होती है और घात लगाकर हमला करती है. आमतौर पर यह समुद्र तल पर छिपी रहती है और छोटी मछलियों, क्रस्टेशियंस, मोलस्क का शिकार कर अपना पेट भरती है. इसी वजह से इस रहस्यमय जीव को निशाचर भी कहा जाता है. यह अपना पूरा जीवन रेत और कीचड़ के भीतर दफन होकर बिताती है.
मायावी शार्क भी कहते हैं इसे
वैज्ञानिकों के मुताबिक, वयस्क एंजेल शार्क आमतौर पर 5 फीट लंबी होती हैं लेकिन कुछ प्रजातियां, जैसे जापानी एंजेल शार्क 6.5 फीट तक बढ़ सकती हैं. एक औसत एंजेल शार्क का वजन लगभग 77 पाउंड होता है. जंगल में, एंजेल शार्क 25 से 35 वर्ष के बीच जीवित रह सकती हैं. कभी-कभी एंजेल शार्क को मोनकफिश और विडंबनापूर्ण रूप से “रेत का शैतान” कहा जाता है. कुछ लोग इसे मायावी शार्क के नाम से भी जानते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 10:41 IST