मलाला यूसुफजई की चुनौती और तन गए तालिबान के दिग्गज नेता, अपनों के खिलाफ की आवाज बुलंद, 2 करोड़ जिंदगी का सवाल
Last Updated:
Afganistan Taliban News: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की एक नीति की दुनियाभर में आलोचना हो रही है. अब तालिबान के एक सीनियर लीडर ने अपनी ही सरकार पर अंगुली उठाई है.
काबुल (अफगानिस्तान). अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार के पतन के बाद तालिबान ने सत्ता संभाली. इसके बाद कई तरह के बदलाव किए गए. इनमें से बच्चियों और महिलाओं की शिक्षा पर पाबंदी सबसे अहम है. तालिबान सरकार के इस फैसले की चहुंओर आलोचना हो रही है. पिछले दिनों नोबोल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने तालिबान सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए मुस्लिम जगत के नेताओं से इसे चुनौती देने की अपील की थी. उनकी इस अपील के चंद दिनों बाद ही तालिबान के अंदर से ही मजबूत आवाज उठी है. तालिबान के सीनियर लीडर शेर अब्बास स्टैनिकजई ने खोस्त प्रांत में शनिवार को दिए अपने भाषण में महिलाओं और बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई पर लगी रोक का पुरजोर विरोध किया है.
तालिबान के सीनियर लीडर शेर अब्बास ने अफगान महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस प्रतिबंध को हटाना ही होगा. इसके लिए कोई बहाना नहीं चलेगा. विदेश मंत्रालय में पॉलिटिकल डिप्टी शेर अब्बास स्टैनिकजई ने शनिवार को दक्षिणपूर्वी खोस्त प्रांत में यह टिप्पणी की है. उन्होंने एक स्कूल समारोह में कहा कि महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा से वंचित करने का कोई कारण नहीं है. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने महिलाओं को छठी कक्षा के बाद शिक्षा से प्रतिबंधित कर दिया है. पिछले सितंबर में ऐसी खबरें आई थीं कि अधिकारियों ने महिलाओं के लिए मेडिकल ट्रेनिंग भी बंद कर दिया है.
New Delhi,Delhi
January 19, 2025, 16:26 IST