महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान जारी, साधु-संत लगा रहे आस्‍था की डुबकी, सुरक्षा के खास इंतजाम



महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान जारी, साधु-संत लगा रहे आस्‍था की डुबकी, सुरक्षा के खास इंतजाम


प्रयागराज:

महाकुंभ में आज बसंत पंचमी का अमृत स्नान किया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में अखाड़े के साधु-संत और महात्मा शामिल हो रहे हैं. नागाओं का स्‍नान हो रहा है. मौनी अमावस्‍या के अमृत स्‍नान से पहले हुई भगदड़ के बाद इस बार सुरक्षा के खास इंतजाम मेला क्षेत्र में किये गए हैं. 12 किलोमीटर में फैले घाट एरिया को कई भागों में बांटा गया है और लोगों को नजदीकी घाटों पर ही स्‍नान करने की सलाह दी गई है. बताया जा रहा है कि आज भी करोड़ों की संख्‍या में श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्‍था की डुबकी लगाएंगे. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और महामंडलेश्वर साधवी निरंजन ज्योति ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं से अपील है कि वह संगम में स्नान करने के बजाय बनाए गए घाट पर डुबकी लगाएं, क्योंकि पूरा क्षेत्र ही संगम क्षेत्र कहलाता है. 

बसंत पंचमी के अमृत स्‍नान के लिए ये खास इंतजाम

  • प्रयागराज में भारी वाहनों की एंट्री रोक दी है. मेले में 2 और 3 फरवरी को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है. 
  • बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर आज और कल VVIP मूवमेंट को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.
  • 7200 से अधिक बसें चलाने का आदेश है. वाहन पार्किंग संख्या भी बढ़ाई गई है. 
  • मेले में साइनेज की संख्या बढ़ाई गई है. श्रद्धालुओं को सभी घाटों पर स्नान करने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है. 
  • मेले में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है. कंट्रोल रूम में दो विशेष अधिकारियों को तैनात किया गया है. 
  • महाकुंभ का लगातार एरियल सर्वे भी किया जाएगा ताकि भीड़ का अंदाजा लग सके.

‘पूरा क्षेत्र ही संगम क्षेत्र, कहीं भी लगाएं डुबकी’ 

बसंत पंचमी के अवसर पर हो रहे तीसरे अमृत स्‍नान में 5 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. आम श्रद्धालुओं से पहले नागा साधु और संत स्‍नान कर रहे हैं. सुबह सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा अमृत स्‍नान कर रहा है. इस बीच लोगों को महाकुंभ में साधु-संतों के आशीर्वाद लेने चाहिए ना की रील बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. महामंडलेश्वर साधवी निरंजन ज्योति ने कहा कि महाकुंभ में सरकार ने दिव्य व्यवस्था की है ऐसे में श्रद्धालुओं को बढ़-चढ़कर के इस आस्था के संगम में डुबकी लगानी चाहिए. इस दौरान साध्वी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वह संगम में स्नान करने के बजाय बनाए गए घाट पर डुबकी लगाएं, क्योंकि पूरा क्षेत्र ही संगम क्षेत्र कहलाता है.

श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में भी कोई कमी नहीं

परंपरा के अनुसार, सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान कर रहे हैं. अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूल, माल और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है. महामंडलेश्वरों के रथों पर भगवान की मूर्तियां, शुभ चिन्हों, पशु-पक्षियों, कलश आदि का अलंकरण किया जा रहा है. नागा और बैरागी संन्यासी मध्य रात्रि से तन पर भस्म रमा कर अखाड़ों की धर्म ध्वजा और ईष्ट देव का पूजन कर रहे हैं. समय और क्रम के अनुसार, सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे. उनके साथ मंडलेश्वरों और महामंडलेश्वरों के रथ और घोड़ों के साथ उनके भक्तगण भी अमृत स्नान कर रहे हैं. महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में भी कोई कमी नहीं है. 1 फरवरी से ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं. बसंत पंचमी के पर्व पर 5 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से पूरी मुस्तैदी से मेला क्षेत्र में कार्यरत है. जगह-जगह रूट डायवर्जन और बैरि‍केडिंग का प्रयोग किया जा रहा है. आने और जाने के एकल मार्ग की योजना से श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाया जा रहा है. स्नान कर स्टेशन और बस अड्डों की ओर लौटने के लिए अलग मार्गों का प्रयोग किया जा रहा है.

बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष बसें

बसंत पंचमी पर तीसरे अमृत स्‍नान के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को बस, रेलवे और पार्किंग एरिया से घाट तक पहुंचाने के लिए विशेष बसों का इंतजाम किया है. हजारों विशेष बसें श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुंचाने में जुटी हुई हैं. प्रदेश सरकार ने बताया कि महाकुंभ में दो फरवरी की शाम तक करीब 35 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगा ली है. उप्र रोडवेज ने बसंत पंचमी के स्नान पर्व में आगंतुकों की वापसी के लिए 2500 बसें अलग से आरक्षित कर ली हैं. महाकुंभ क्षेत्र से चार अस्थाई बस स्टेशन पहुंच रहे आगंतुकों के लिए हर 15 मिनट में रोडवेज बस मिलेगी. इसमें सबसे अधिक 1500 बसें झूसी में बनाए गए रोडवेज के अस्थाई बस स्टेशन के लिए निर्धारित की गई हैं. वहीं, लखनऊ की ओर जाने के लिए बेला कछार में बनाए गए बस स्टेशन में 600 बसें, कानपुर की तरफ जाने वाले आगंतुकों के लिए नेहरू पार्क बस स्टेशन में 300 और मिर्जापुर बांदा की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लेप्रोसी अस्थाई बस स्टेशन में 100 रोडवेज बसें आरक्षित हैं. इसके अलावा, नजदीक के स्थानों तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए 550 शटल बसें मौजूद हैं. रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक, हर दो मिनट में शटल सेवा उपलब्ध रहगी. बस स्टेशन पर भीड़ न होने पाए इसके लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है.

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